नागालैंड में अलग प्रशासन और अधिक वित्तीय स्वायत्तता की मांग को लेकर 'जनता आपातकाल' की घोषणा करते हुए, पूर्वी नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया है. इस आह्वान के चलते, राज्य के 6 जिलों में लगभग शून्य मतदान दर्ज किया गया है.
ENPO के इस कदम पर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाते हुए, राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने संगठन को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि ENPO ने "पूर्वी नागालैंड क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वतंत्र रूप से मतदान करने के अधिकार में हस्तक्षेप करके अनुचित प्रभाव डालने का प्रयास किया है". इसलिए, ENPO को यह बताने का निर्देश दिया गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 171C के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.
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In Kiphire, Eastern Nagaland where the polling stations saw zero voter turnout. pic.twitter.com/ykOwpSKII9
— Naga Hills (@Hillsnaga) April 19, 2024
धारा 171C के तहत, जो कोई भी स्वेच्छा से किसी भी चुनावी अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने का प्रयास करता है, वह चुनाव में अनुचित प्रभाव का अपराध करता है.
Almost 0% Voting In 6 Nagaland Districts Over Separate Territory Demand https://t.co/nXTmonXp4k pic.twitter.com/fxfCZ8PTfq
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ENPO ने जवाब में कहा है कि जनता अधिसूचना का "मुख्य लक्ष्य" पूर्वी नागालैंड क्षेत्र में अशांति की संभावना को कम करना था. संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि "पूर्वी नागालैंड क्षेत्र वर्तमान में जनता आपातकाल के अधीन है", और यह घोषणा हितधारकों के साथ परामर्श के बाद की गई थी.
ENPO ने तर्क दिया कि धारा 171C के तहत कार्रवाई "लागू नहीं होती है... क्योंकि किसी भी चुनाव में अनुचित प्रभाव से संबंधित कोई अपराध नहीं किया गया है...". संगठन ने यह भी कहा कि वह चुनाव आयोग के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है "यदि कोई गलतफहमी या गलत व्याख्या हुई है".
ENPO ने 30 मार्च को 20 विधायकों और अन्य संगठनों के साथ एक लंबी बैठक की, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव से पूरी तरह से दूर रहने के अपने फैसले को दोहराया.
इससे पहले भी, ENPO ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले मतदान से दूर रहने का आह्वान किया था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद इसे वापस ले लिया गया था.
नागालैंड में एक लोकसभा सीट है, जिस पर 2018 के उपचुनाव से नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के टोखेहो येप्थोमी का कब्जा है. NDPP, BJP की सहयोगी पार्टी है.