Tamil Nadu Police On High Alert: द्रमुक दलित नेता की हत्या के बाद तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में पुलिस हाई अलर्ट पर

तमिलनाडू में द्रमुक नेता, जो एक निर्वाचित वार्ड पंचायत सदस्य भी थे, की हत्या के बाद तिरुनेलवेली पुलिस हाई अलर्ट पर है

Tamil Nadu Police Photo Credits: IANS

चेन्नई, 16 अगस्त: तमिलनाडू में द्रमुक नेता, जो एक निर्वाचित वार्ड पंचायत सदस्य भी थे, की हत्या के बाद तिरुनेलवेली पुलिस हाई अलर्ट पर है राजमणि (32) की उस समय हत्या कर दी गई जब वह अपने मवेशियों को चरा रहा था और उसके पिता उसके पास थे. यह भी पढ़े: Ramalingam Murder Case: रामलिंगम मर्डर केस में एनआईए ने पूरे तमिलनाडु में छापेमारी की

घटना सोमवार को हुई पुलिस ने इस सिलसिले में किया है, जो मरावर की मध्यवर्ती जाति से हैं, जो दक्षिण तमिलनाडु के शक्तिशाली थेवर समुदाय तीन लोगों को गिरफ्तार का एक उप संप्रदाय है पुलिस द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार करने के बाद राजमणि के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

तिरुनेलवेली जिले में दलितों और मरावर समुदाय के अन्य लोगों के बीच कई हमले और जवाबी हमले हुए हैं दोनों समुदायों के बीच एक छोटी सी चिंगारी एक और बड़े जातीय युद्ध का कारण बन सकती है जिला पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राज्य पुलिस प्रमुख सीधे क्षेत्र में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.

तिरुनेलवेली जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "जिला पुलिस हाई अलर्ट पर है क्योंकि दलित समुदाय के सदस्यों की ओर से प्रतिशोध हो सकता है जिससे एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया शुरू हो सकती है पुलिस आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.

पुलिस ने कहा कि मृतक, राजमणि के पिता और स्थानीय लोगों ने बताया था कि मारवाड़ के दो युवक मोटरसाइकिल पर आए थे, जहां राजमणि अपने मवेशी चरा रहे थे उन्होंने उससे पूछा कि उसने कस्बे में उन्हें घूरकर क्यों देखा था और उससे कहा कि दलितों को अपनी सीमाएं पता होनी चाहिए इसके बाद बहस हुई और दोनों युवकों ने दलित पर धारदार हथियार से कई वार किये जिससे उसकी मौत हो गई.

बाद में पुलिस ने दो युवकों और उनके एक तीसरे साथी को गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने कहा कि हत्या का तात्कालिक कारण घूरने को लेकर हुआ विवाद हो सकता है, लेकिन दलितों और मरावर, थेवर जैसे मध्यवर्ती समुदाय के बीच गहरी दुश्मनी थी इलाके के दलित पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और एससी, दलित समुदायों के 15 से अधिक लोगों को सरकारी नौकरियां मिलीं.

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