नई दिल्ली: भगौड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण मामले में लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होने वाली है. इसको लेकर आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की संयुक्त टीम आज लंदन रवाना हो गई. बात दें कि नीरव पर मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने का आरोप है.
सीबीआई और ईडी की एक संयुक्त टीम भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण मामले में स्थानीय अधिकारियों की सहायता के लिए लंदन गई है. लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में कारोबारी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ लंदन रवाना होने की जिम्मेदारी बुधवार को सौंपी गई. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी अपने साथ एजेंसी द्वारा हाल ही में नीरव मोदी की पत्नी एमी के खिलाफ दायर किए गए आरोप पत्र और इस मामले में हाल में की गई कुर्की से जुड़े दस्तावेज सहित अन्य जरूरी दस्तावेज अपने साथ ले जाएंगे.
भारतीय अधिकारी ब्रिटेन के क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों से मिलेंगे और उन्हें नीरव मोदी, उनके परिवार और अन्य के खिलाफ आरोपों और इस मामले के ताजा सबूतों की जानकारी देंगे.
इस 48 वर्षीय हीरा कारोबारी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने का आरोप है. ब्रिटेन के एक अखबार ‘द टेलीग्राफ’ ने मोदी को लंदन के एक पॉश इलाके में देखा था. इसके बाद नीरव मोदी को भारत के प्रत्यर्पण के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया था.
नीरव मोदी 2018 में घोटाले के सामने आने से कुछ महीने पहले ही भारत से फरार हो गया था. इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसियों के आग्रह पर जुलाई 2018 में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. उधर भगोड़े कारोबारी के ठिकानों के बारे में एक रहस्य बना हुआ था, क्योंकि उसे न्यूयॉर्क, हांगकांग और अन्य शहरों में देखा गया था.
ईडी ने पिछले वर्ष 24 और 25 मई को दोनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था.