पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले में किया सुभाष चंद्र बोस म्यूजियम का उद्घाटन
पीएम मोदी ने सुभाष चंद्र बोस म्यूजियम का उद्घाटन ( फोटो क्रेडिट- ANI )

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122 वीं जयंती (Subhash Chandra Bose birth anniversary) पर लाल किले में सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया. जिसमें याद-ए-जलियां संग्रहालय (जलियांवाला बाग और प्रथम विश्वयुद्ध पर संग्रहालय) और 1857 (प्रथम स्वतंत्रता संग्राम) पर संग्रहालय और भारतीय कला पर दृश्यकला संग्रहालय भी गए. बोस और आजाद हिंद फौज पर संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और आईएनए से संबंधित विभिन्न वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है. इसमें नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार के अलावा आईएनए से संबंधित पदक, बैज, वर्दी और अन्य वस्तुएं शामिल हैं.

बता दें कि इसके साथ ही तीसरा संग्रहालय 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष की ऐतिहासिक गाथा को चित्रित करेगा, जिसमें इस दौरान भारतीयों द्वारा किए गए बलिदान को दर्शाया जाएगा. संग्रहालय को आगंतुकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें फोटो, पेंटिंग, अखबार की क्लिपिंग, प्राचीन रिकार्ड, ऑडियो-वीडियो क्लिप, एनिमेशन व मल्टीमीडिया की सुविधा होगी. बोस अपने उग्र विचारों के चलते खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है.

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आज देशभर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 122वीं जयंती मनाई जा रही है. 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में जन्मे नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे महान देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighter) थे, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई के लिए अपना सबकुछ बलिदान कर दिया. अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजादी दिलाने के मकसद से ही द्वितीय विश्वयुद्ध (Second World war) के दौरान उन्होंने 'आजाद हिंद सरकार' और 'आजाद हिंद फौज' का गठन किया. उन्होंने देश के सभी युवाओं को अपना प्रसिद्ध नारा 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' दिया था.