No Confidence Motion: अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में अब PM मोदी देंगे जवाब, विपक्ष को मणिपुर हिंसा पर बयान का इंतजार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 10 अगस्त यानी गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. केंद्रीय मंत्री ने निचले सदन में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए पीएम कल सदन में मौजूद रहेंगे." सदन स्थगित होने से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री ने इसकी पुष्टि की. मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है. हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर पर क्यों नहीं हटाए गए सीएम बीरेन सिंह? अमित शाह ने दिया जवाब.
विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था. मोदी सरकार को इस अविश्वास प्रस्ताव से कोई खतरा नहीं है. मोदी सरकार अपने दम पर बहुमत में है इसलिए सरकार निश्चिंत है. लोकसभा में कुल 538 सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 270 है, जबकि अकेली बीजेपी के पास 301 सीटें हैं, उसके सहयोगियों की सीटों की संख्या 30 है. यानी एनडीए के पास 331 का संख्या बल है. वहीं INDIA के पास 144 सांसदों का संख्या बल है.
बहुमत में केंद्र तो क्यों अविश्वास प्रस्ताव लाया है विपक्ष
मोदी सरकार पूर्ण बहुमत में है और सरकार को अविश्वास प्रस्ताव से कोई खतरा नहीं है विपक्ष यह भलीभांति जानता है. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे विपक्ष का मकसद सिर्फ पीएम मोदी को मणिपुर के मुद्दे पर सदन में घेरना है.
मोदी सरकार के सामने दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव
बीते नौ वर्षों में यह दूसरा अवसर होगा जब मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी. इससे पहले, जुलाई, 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था. इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने मत दिया था. इस बार भी अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है.