Veer Savarkar Birth Anniversary 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक वीडियो शेयर कर वीर सावरकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में उनके अद्वितीय योगदान और समाज से अस्पृश्यता को दूर करने के उनके प्रयासों को याद करते हुए उन्हें नमन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर सावरकर के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए एक वक्तव्य को उन्ही की आवाज में शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा, "मां भारती के कर्मठ सपूत वीर सावरकर को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि."
वीडियो में सावरकर को लेकर अपनी भावना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शस्त्र और शास्त्र दोनों का उपासक बताते हुए कहा कि आमतौर पर लोग उन्हें उनकी बहादुरी और ब्रिटिश राज के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए जानते हैं लेकिन इन सबके अलावा वो एक ओजस्वी कवि और समाज सुधारक भी थे जिन्होंने हमेशा सद्भावना और एकता पर बल दिया. यह भी पढ़े: Veer Sawarkar Death Aniversary 2022: क्या सावरकर सचमुच कायर थे? जानें किसने उन्हें ‘वीर’ की उपाधि दी? और क्यों उन्होंने इच्छा-मृत्यु चाहा था? साथ ही उनके जीवन के कुछ और रोचक प्रसंग!
मां भारती के कर्मठ सपूत वीर सावरकर को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/AHk7L6qBib
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2022
अमित शाह का ट्वीट:
राष्ट्रीयता के प्रतीक स्वातंत्र्य वीर सावरकर की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
शरीर के कण-कण में देशभक्ति का ज्वार संजो खुद को तिल-तिल जलाकर देश के लिए कैसे जिया जा सकता है सावरकर जी का जीवन उसका उत्कृष्ट उदाहरण है।
उनका त्यागपूर्ण जीवन हमें निरंतर प्रेरणा और शक्ति देता रहेगा। pic.twitter.com/we1kmq4YON
— Amit Shah (@AmitShah) May 28, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सावरकर के जीवन को उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए ट्वीट कर कहा, "राष्ट्रीयता के प्रतीक स्वातं˜य वीर सावरकर की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। शरीर के कण-कण में देशभक्ति का ज्वार संजो खुद को तिल-तिल जलाकर देश के लिए कैसे जिया जा सकता है सावरकर जी का जीवन उसका उत्कृष्ट उदाहरण है। उनका त्यागपूर्ण जीवन हमें निरंतर प्रेरणा और शक्ति देता रहेगा."
शाह ने अपने अगले ट्वीट में वीर सावरकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "वीर सावरकर जी को एक ही जीवन में मिली दो उम्रकैद व काल कोठरी की अमानवीय यातनाएं भी मां भारती को परम वैभव पर ले जाने के उनके संकल्प को डिगा नहीं पाई। स्वतंत्रता आंदोलन में उनके अद्वितीय योगदान और समाज से अस्पृश्यता को दूर करने के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता."