पटना: बिहार के गया में गुरुवार से पितृपक्ष मेला शुरू हो गया. पितृपक्ष मेला का शुभारंभ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पितृपक्ष मेला के उद्घाटन के बाद उपमुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों ने विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की. उद्घाटन के साथ ही कर्मकांड में होने वाले वैदिक मंत्रोच्चार से 'मोक्षनगरी' गूंजने लगा है. पितृपक्ष में पितरों (पूर्वजों) की आत्मा की मुक्ति या मोक्ष दिलाने की कामना को लेकर पिंडदान और श्राद्ध करने आने वाले पिंडदानियों के लिए विष्णुनगरी, मोक्षधाम यानी गया पूरी तरह तैयार है. उद्घाटन के मौके पर उपमुख्यमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे पास (बिहार में) जो है, वह किसी के पास नहीं है. झारखंड में कोयला होगा, तांबा होगा, मगर हमारे पास विष्णु भगवान का मंदिर है. किसी भी राज्य के लोगों को अपने पितरों की मुक्ति के लिए, मोक्षप्राप्ति के लिए गया आना ही होगा."
उन्होंने कहा कि देश-विदेश से जितने भी लोग पिंडदान करने यहां आते हैं, वे ही बिहार के असली 'ब्रांड अंबेस्डर' हैं. मोदी ने तीर्थस्थलों पर हो रही गंदगी पर चिंता जताते हुए कहा कि आज हर तीर्थस्थल पर आवारा पशु सड़क पर घूमते रहते हैं. उन्होंने गया के जिलाधिकारी से आग्रह किया कि मेला क्षेत्र में आवारा पशु दिखे तो उसे गोशाला में रखा जाए.उन्होंने पिंडदान के लिए गया आने वाले श्रद्धालुओं से एक पेड़ लगाकर बिहार से लौटने की अपील की. उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर से बिहार सरकार 'जल जीवन हरियाली' योजना आरंभ करने जा रही है. यह भी पढ़े: Pitru Paksha 2018: 24 सितंबर से शुरू हो रहा है पितृपक्ष, इस दौरान भूलकर भी न करें ये काम
उन्होंने कहा कि जल के एक-एक बूंद को बचना है और एक करोड़ पौधे लगाना है. नहर के किनारे सड़क के किनारे पौधे लगाएंगे। हिंदू और बौद्ध धर्म में पेड़-पौधे, जीव-जंतु की पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी को बचाना है, इस हरियाली को बचना है। जल को बचना है. उपमुख्यमंत्री ने गया, बोधगया और मगध के विकास में कार्य की कमी नहीं होने का वादा किया. इस मौके पर मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, मंत्री डॉ़ प्रेम कुमार, सांसद विजय कुमार मांझी के अलावा कई लोग मौजूद थे.