भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की कमलनाथ सरकार राज्य में गांजे की खेती को वैध करने जा रही है. इस खेती के लिए हर साल लाइसेंस उपलब्ध कराए जाएंगे. राज्य सरकार गांजे की खेती को कैंसर सहित अन्य असाध्य बीमारियों की दवा बनाने के लिए उपयोग करने की योजना बना रही है. कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, राज्य के कुछ हिस्सों में गांजे की खेती की जा रही है, लेकिन नशीले पदार्थ के रूप में नहीं बल्कि दवा के रूप में. यह कैनबिस सैटिवा पौधे की प्रजाति का है, लेकिन कैनबिस नहीं है. इसका इस्तेमाल कैंसर की दवा बनाने में किया जाएगा. कपड़ा और जैव प्लास्टिक भी इसके साथ निर्मित किया जा सकता है.
पीसी शर्मा ने कहा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में गांजे की खेती पहले से ही की जा रही है. अब यह मध्य प्रदेश में एक नया उद्योग ला रहा है. यह खाने के लिए नहीं है, बल्कि कैंसर की दवाओं के निर्माण के लिए इसकी खेती की जा रही है.
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गांजे से कैंसर की दावा बनाने का प्लान-
PC Sharma, Madhya Pradesh Minister: Hemp is already being cultivated in Uttar Pradesh and Uttarakhand. It is bringing a new industry in Madhya Pradesh. This is not meant to be eaten. It is being cultivated to manufacture cancer medicines. (20.11.2019) https://t.co/dzkdGsg9Uu
— ANI (@ANI) November 21, 2019
पीसी शर्मा ने कहा इस खेती के कई फायदे हैं. इस खेती से कैंसर जैसी बीमारियों की दवाएं बनाई जाएगी. बीजेपी शासित राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड में भी यह खेती की जा रही है. इस खेती से कैंसर जैसी बीमारियों की दवाएं बनाई जाएंगी. साथ ही कई अन्य असाध्य बीमारियों की दवाएं बनाई जाएंगी. मध्य प्रदेश सरकार इस दिशा में काम कर रही है. इसकी खेती प्रदेश में कई जगह हो रही है.
बता दें कि इस तरह के मादक पदार्थों की खेती, व्यापार और उपभोग नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज एक्ट 1985 के तहत गैर कानूनी हैं. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार इस खेती के लिए अब लाइसेंस उपलब्ध करवाएगी. इसके लिए वाणिज्यिक कर विभाग मध्यप्रदेश एनडीपीएस नियम 1985 में बदलाव करने जा रहा है. यह बदलाव इंडसकेन कंपनी के प्रस्ताव पर किया जा रहा है. कंपनी ने गांजे से कैंसर सहित अन्य असाध्य बीमारियों की दवा बनाने के लिए 1200 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है. इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सहमति दे दी है.