नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर मानसून सत्र के चौथे दिन मंगलवार (25 जुलाई) को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी रहा. विपक्षी दल इस मामले पर चर्चा और सदन में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के बयान की मांग कर रहे हैं. वहीं बीजेपी लगातार कह रही है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष ही भाग रहा है. संसद में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा, 'गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर मुद्दे पर बोलेंगे. हम राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर भी चर्चा चाहते हैं.' मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है विपक्ष, मणिपुर के मुद्दे पर माहौल गर्म.
पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुद्दों पर चर्चा को तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इन मुद्दों पर गंभीर है क्योंकि ये संवेदनशील मुद्दे हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह विषय राजनीति से परे है.’’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने भी संसद में हंगामे को लेकर विपक्ष को घेरते हुए कहा, 'गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस प्रस्ताव को रखा कि मणिपुर संबंधित घटनाओं पर वे चर्चा चाहते हैं, जवाब देना चाहते हैं. आंतरिक सुरक्षा का दायित्व गृह मंत्री अमित शाह के अंतर्गत आता है. राष्ट्र के गृह मंत्री स्वंय बार-बार विपक्ष से दरख्वास्त कर रहे हैं कि सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करें, ऐसा क्या है कि जो विपक्ष मणिपुर के बारे में राष्ट्र के सामने आने देना नहीं चाहता?
पीएम मोदी के बयान पर अड़ा विपक्ष
संसद सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्ष दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और फिर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं. सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, उसी समय कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे को उठाने लगे और नारेबाजी करने लगे. उन्होंने ‘जवाब दो-जवाब दो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ के नारे लगाए.
मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वह चर्चा होने दे और सच्चाई सामने आने दे.