नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information & Broadcasting) ने डिजिटल मीडिया (Digital Media) प्लेटफॉर्म पर भारत (India) विरोधी फर्जी खबरें फैलाने में शामिल होने के आरोप में पाकिस्तान (Pakistan) से संचालित 35 यूट्यूब (YouTube) न्यूज चैनलों और दो वेबसाइटों (Website) को ब्लॉक करने का आदेश दिया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए यूट्यूब अकांट्स की कुल ग्राहक आधार (Subscribers) 1.20 करोड़ से अधिक थे और उनके वीडियो को 130 करोड़ से अधिक बार देखा गया था. India Pakistan Relationship: जम्मू कश्मीर का अनसुलझा विवाद भारत-पाक संबंधों में बाधा उत्पन्न करता है- पाक की नयी सुरक्षा नीति
इसके अतिरिक्त, इंटरनेट पर समन्वित भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाने में शामिल होने के कारण सरकार द्वारा दो ट्विटर अकाउंट, दो इंस्टाग्राम अकाउंट और एक फेसबुक अकाउंट को भी ब्लॉक कर दिया गया है.
मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 16 के तहत जारी पांच अलग-अलग आदेशों के तहत पाकिस्तान स्थित इन सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया है.
इसमें कहा गया है, भारतीय खुफिया एजेंसियां इन सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाइटों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं और तत्काल कार्रवाई के लिए उन्हें मंत्रालय को भेज रही हैं.
मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए सभी 35 यूट्यूब अकाउंट्स पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे और उनकी पहचान चार समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क के हिस्से के रूप में की गई थी. इनमें 14 यूट्यूब चैनल संचालित करने वाला अपनी दुनिया नेटवर्क और 13 यूट्यूब चैनल संचालित करने वाला तल्हा फिल्म्स नेटवर्क शामिल है.
चार चैनलों का एक सेट और दो अन्य चैनलों का एक सेट भी एक दूसरे के साथ तालमेल बैठाने के लिए खोला गया था.
मंत्रालय के अनुसार, ये सभी नेटवर्क भारत में फेक न्यूज फैलाने के उद्देश्य से खोले गए थे. इन चैनलों में आम हैशटैग और एडिटिंग इस अंदाज में की जाती थी कि दर्शक इसका यकीन कर ले. इतना ही नहीं कुछ यूट्यूब चैनल पाकिस्तानी टीवी समाचार चैनलों के एंकर द्वारा संचालित किए जा रहे थे.
मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और अन्य सोशल मीडिया खातों का उपयोग पाकिस्तान द्वारा भारत से संबंधित संवेदनशील विषयों के बारे में भारत विरोधी फर्जी समाचार फैलाने के लिए किया गया था. इनमें भारतीय सेना, जम्मू और कश्मीर और अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों जैसे विषय शामिल हैं.
यह देखा गया कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन के संबंध में यूट्यूब चैनलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर फर्जी खबरें फैलाई गईं. इन यूट्यूब चैनलों ने पांच राज्यों में आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए सामग्री पोस्ट करना भी शुरू कर दिया था.
मंत्रालय ने कहा कि चैनलों ने अलगाववाद को प्रोत्साहित करने, भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करने और भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए सामग्री (कंटेंट) का प्रचार किया. इस तरह की जानकारी से देश में सार्वजनिक व्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाले अपराधों के लिए दर्शकों को उकसाने की क्षमता होने की आशंका थी.
सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पिछले साल दिसंबर में 20 यूट्यूब चैनलों और दो वेबसाइटों को अवरुद्ध करने के बाद की गई है, जब आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का पहली बार भारत विरोधी फर्जी समाचार नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उपयोग किया गया था.