नई दिल्ली: इमरान खान के पीएम बनने के बाद पाकिस्तान ने भारत से रिश्ते सुधारने के लिए सकारात्मक पहल की है. अपने इस पहल के तहत उसने सिख समुदाय के लोगों को एक बड़ा तोहफा देते हुए भारतीय सीमा से लगे करतारपुर बॉर्डर क्रॉसिंग को खोलने जा रहा है. इसको खोले जाने के बाद गुरुद्वारे में दर्शन के लिए आने वाले भारतीय सिखों को वीजा नहीं लेना पड़ेगा.
खबरों की माने तो पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ऐलान करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के इस फैसले के बाद गुरुद्वारे में दर्शन के लिए आने वाले भारतीय को अब बीजा नहीं लेना पड़ेंगा.
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बता दें कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा गले मिले थे. जिसके बाद भारत में काफी विरोध हुआ था. जिस पर सिद्धू ने सफाई देते हुए कहा था कि पाक आर्मी चीफ ने उनसे कहा है कि वह भारतीय सिखों के लिए गुरु नानक देव की 550 जयंती पर करतारपुर मार्ग खोलने जा रहे हैं. इस बात पर उनसे चर्चा हुई थी.
गौरतलब हो कि करतारपुर गुरुद्वारा भारतीय सीमा के करीब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है. यह तीर्थस्थल सिखों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सिख समुदाय में ऐसा माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने यहीं पर अंतिम समय बिताया था. भारत में रहने वाले सिख समुदाय की ओर से काफी सालों से इस कॉरीडोर को खोलने की मांग कर रहे थे.