पाकिस्तान ने UN में गाजा से की कश्मीर की तुलना, भारत ने अपने जवाब से कर दी बोलती बंद
(Photo Credit: Twitter)

पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की गलती बार-बार करता है और एक बार फिर पड़ोसी मुल्क ने यह गलती दोहराई जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब दिया. पाकिस्तान ने एक बार फिर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कश्मीर का राग अलाप अपनी बेइज्जती कराई है. दरअसल, पाकिस्‍तान ने इजरायल और फिलिस्तीन की जंग के बीच यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाया, जिसपर भारत ने पाकितान की बोलती बंद कर दी. भारत ने कहा है कि वह इजराइल-गाजा स्थिति पर सुरक्षा परिषद में संपन्न बैठक के दौरान पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का जिक्र किए जाने को कोई महत्व नहीं देगा और न ही इसका कोई जवाब देगा. PAK: भारत के दुश्मनों का पाकिस्तान में खात्मा, वॉन्टेड आतंकी दाऊद मलिक की गोली मारकर हत्या.

पश्चिम एशिया की स्थिति पर सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने कश्मीर का जिक्र किया था. संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने इस पर पाक को कड़ा जवाब दिया. आर रवींद्र ने कहा, ‘‘एक प्रतिनिधि ने आदतन उन केंद्रशासित प्रदेशों का जिक्र किया जो हमारे देश का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन टिप्पणियों को उतनी ही तवज्जो दूंगा, जितनी उन्हें दी जानी चाहिए और समय को ध्यान में रखते हुए इसका जवाब नहीं दूंगा.’’

कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की

यूएन में पाकिस्‍तान के स्‍थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि कश्मीर के लोगों का हाल भी मौजूदा समय में फिलिस्तीनियों जैसा है. जिस तरह से इजराइल, फिलिस्तीन में लोगों की आजादी को दबा रहा है, ठीक उसी तरह से भारत भी कश्‍मीर में कश्‍मीरियों की आवाज सुनने से इनकार कर रहा है. पाक के इस बयान पर भारत ने उसे कड़ा जवाब दिया है.

आतंकवाद पर क्या बोला अमेरिका

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि सभी तरह के आतंकवादी कृत्य गैर-कानूनी और अनुचित हैं, चाहे उन्हें लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई में लोगों को निशाना बनाकर अंजाम दिया हो या हमास ने किबुत्ज बेरी में लोगों को निशाना बनाया हो.

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हमें अपनी रक्षा करने और ऐसी भयावहता की पुनरावृत्ति रोकने के किसी भी राष्ट्र के अधिकार की पुष्टि करनी चाहिए. इस परिषद का कोई भी सदस्य, इस संपूर्ण निकाय का कोई भी राष्ट्र अपने लोगों की हत्या बर्दाश्त नहीं कर सकता और न ही करेगा.’’