इंफाल: हिंसाग्रस्त मणिपुर में अब एक दूसरी चिंता ने टेंशन बढ़ा दी है. मणिपुर के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. पिछले 2 महीने से अधिक समय से पूर्वोत्तर का यह राज्य हिंसा की चपेट में है. मणिपुर हिंसा को लेकर सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. इस बीच एक बेहद चौंकानेवाली बात सामने आई है. म्यांमार के 700 से ज्यादा नागरिक मणिपुर में प्रवेश कर चुके हैं. एक अधिकारी द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में सेना और नागरिक बलों के बीच चल रही झड़पों के कारण 301 बच्चों और 208 महिलाओं सहित म्यांमार के 718 नागरिक मणिपुर के चंदेल जिले में घुस आए हैं. मणिपुर के मुद्दे पर संसद में हंगामा, अमित शाह बोले- हम चर्चा के लिए तैयार.
रिपोर्ट के अनुसार 22 और 23 जुलाई को म्यांमार के 700 से ज्यादा नागरिक घुसपैठी कर मणिपुर आ गए, जिसको लेकर राज्य सरकार की तरफ से राइफल्स से जानकारी मांगी गई है. मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने असम राइफल्स से म्यांमार के नागरिकों को वापस भेजने के लिए कहा है. सरकार ने सुरक्षाबलों से इसकी भी जानकारी मांगी कि कैसे बिना सही दस्तावेजों के इन नागरिकों ने राज्य में एंट्री की.
सोमवार देर रात गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, मणिपुर सरकार ने असम राइफल्स से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि कैसे केवल दो दिनों में यानी 22 और 23 जुलाई को कम से कम 718 म्यांमार नागरिकों को "उचित यात्रा दस्तावेजों" के बिना "भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी गई?" सरकार ने चंदेल जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को मामले को देखने और म्यांमार के नागरिकों के बायोमेट्रिक्स और तस्वीरें भी रखने का निर्देश दिया.
मणिपुर गृह विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा, "मुख्यालय 28 सेक्टर असम राइफल्स ने बताया था कि खमपत में चल रही झड़पों के कारण 23 जुलाई को 718 नए शरणार्थी भारत-म्यांमार सीमा पार कर चंदेल जिले के माध्यम से मणिपुर में प्रवेश कर चुके हैं. मणिपुर सरकार ने बताया कि म्यांमार के नागरिकों ने शनिवार और रविवार को मणिपुर में प्रवेश किया और अब जिले के सात स्थानों - लाजांग, बोन्से, न्यू समताल, न्यू लाजंग, यांग्नोम्फाई, यांग्नोम्फाई सॉ मिल और ऐवोमजंग में रह रहे हैं. ये सभी गांव म्यांमार सीमा से लगे हुए हैं.
मणिपुर अभी ही हिंसा आर संघर्ष से जूझ रहा है. 3 मई को शुरू हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं. हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. मणिपुर दो महीने से अधिक समय से इंटरनेट सेवा रद्द है.