नई दिल्ली: देश के 23 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में शनिवार सुबह तक सामने आये कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 14378 मामलों में से 4291 मामले दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित मरकज में मार्च में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी.केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक शनिवार की शाम तक कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 488 हो गई जबकि संक्रमित मामलों की संख्या 14 हजार 792 हो गई है. बहरहाल, पीटीआई के आंकड़ों के मुताबिक शनिवार शाम तक संक्रमितों की संख्या 14 हजार 848 और मृतकों की संख्या कम से कम 503 हो गई है. ये आंकड़े विभिन्न राज्यों की ओर जारी आंकड़ों का संकलन हैं.
विभिन्न राज्यों द्वारा घोषित मृतकों की संख्या की तुलना में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कमी का कारण अधिकारी राज्यों द्वारा मामले बताने में प्रक्रियागत देरी को बताते हैं. देश में कोविड-19 की स्थिति को लेकर आयोजित दैनिक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़े अधिकतर मामले राज्यों से जुड़े हुए हैं.कोरोना वायरस,कोरोना वायरस का कहर, कोरोना, वायरस, कोरोना वायरस का डर, कोरोना वायरस महामारी, कोरोना से जंग, कोविड-19, कोविड-19 महामारी, कोविड-19 से हाहाकार, तमिलनाडु में 84 फीसदी, तेलंगाना में 79 फीसदी, दिल्ली में 63 फीसदी, उत्तरप्रदेश 59 फीसदी और आंध्रप्रदेश से 61 फीसदी है. यह भी पढ़े: निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होने के बाद रांची पहुंचा वेस्ट इंडीज निवासी कोरोना पाजिटिव
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कुल 14,378 मामलों में से 4291 मामले या 29.8 फीसदी तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हैं लेकिन वहां भी मरकज के कार्यक्रम से जुड़े मामले सामने आए हैं. उदाहरण के लिए अरूणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस का एकमात्र मामला मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। इसी तरह असम में 35 में से 32 मामले और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 12 में से 10 मामले जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं.
अग्रवाल ने कहा कि अभी तक कोविड-19 से 1992 मामले यानी 13.85 फीसदी रोगी ठीक हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से मरने की दर 3.3 फीसदी है. अग्रवाल ने कहा, ‘‘मरने वालों में 75.3 फीसदी 60 वर्ष या अधिक उम्र के हैं और 83 फीसदी मामलों में मरीज अन्य रोगों से भी ग्रस्त पाए गए. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि राज्यों के साथ भी त्वरित एंटीबॉडी जांच किट के इस्तेमाल के प्रोटोकॉल साझा किए गए हैं. अग्रवाल ने कहा, ‘‘23 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 47 जिलों में सकारात्मक रूख दिखा। कर्नाटक में कोडागू और पुडुचेरी में माहे नये जिले हैं जिन्हें इस सूची में शामिल किया गया है जहां पिछले 28 दिनों में नये मामले सामने नहीं आए हैं.
उन्होंने कहा कि 12 राज्यों में 22 नये जिलों में पिछले 14 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। इन जिलों में बिहार में लखीसराय, भागलपुर और गोपालगंज, राजस्थान में उदयपुर और धौलपुर, जम्मू-कश्मीर में पुलवामा, हरियाणा में रोहतक और आंध्रप्रदेश में विशाखापत्तनम शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि बिहार के पटना और पश्चिम बंगाल के नादिया और हरियाणा के पानीपत में पहले दो हफ्ते में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया था लेकिन वहां संक्रमण के मामले सामने आए हैं. अधिकारी ने कहा, ‘‘इस युद्ध में हमें लगातार सतर्क रहना पड़ेगा.
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