Orissa HC Decision: पत्नी की हत्या के मामले में उड़ीसा हाई कोर्ट से पति को नहीं मिली राहत, अदालत ने कहा, भोजन के लिए इंतजार करने का अनुरोध गंभीर उकसावे का मामला नहीं

उड़ीसा हाई कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति की हत्या की सजा को बरकरार रखा है, जिसने अपनी पत्नी पर चाकू से हमला कर दिया और वह गंभीर रूप से जख्मी होने की वजह से उसकी मौत हो गई.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: Pixabay)

Orissa HC Decision:  उड़ीसा हाई कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति की हत्या की सजा को बरकरार रखा है, जिसने अपनी पत्नी पर चाकू से हमला कर दिया और वह गंभीर रूप से जख्मी होने की वजह से उसकी मौत हो गई. पत्नी का कसूर सिर्फ इतना था अकी उसका पति खेत से काम करके घर आया था. उसने अपनी पत्नी से खाना खाने के लिए मांगा. वह जब कुछ समय रूकने को कहा तो उसने चाकू से हमला कर दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. मामला कोर्ट में जाने के बाद नीचली अदालत ने उसे पत्नी की हत्या के मामले में दोषी करार दिया. सजा से बचने के उसने ऊपरी अदालत उड़ीसा हाई कोर्ट में गैर इरादतन हत्या को लेकर याचिका दायर की. लेकिन कोर्ट ने उसे राहत ना देते हुए उसकी सजा को बरकरार रखा.

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस.के. साहू और न्यायमूर्ति चित्तरंजन दाश की पीठ ने उस व्यक्ति के इस स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया कि उसने उस पर इसलिए हमला किया क्योंकि जब वह खेत में काम करने के बाद भूखा घर लौटा था तो उसने उसे भोजन के लिए इंतजार करने के लिए कहकर उसे उकसाया था. यह भी पढ़े: UP Shocker: दहेज के लिए पत्नी की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास

कोर्ट ने कहा, "जिस तरह से अपीलकर्ता ने बताया कि घर के अंदर से चाकू लाया और मृतक के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे चेहरे, सिर, गर्दन, कान आदि पर हमला किया. जिससे महिला की मौत हो गई. यह हत्या करने के इरादे को दर्शाता है. इसलिए कोर्ट से माफ़ी नहीं मिल सकती है.

आरोपी पति अब तक 16 साल की सजा काट चूका है:

हालांकि कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को इतना जरूर आदेश दिया है कि आरोपी 16 साल तक सजा काट चुका है. ऐसे में क्या वह छूट के लिए पात्र है. मामले की सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता मीना कुमारी दास उपस्थित हुईं, जबकि राज्य की ओर से अतिरिक्त स्थायी वकील राजेश त्रिपाठी उपस्थित हुए,

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