नई दिल्ली: अप्रैल का महिना खत्म होने के साथ ही गर्मी का प्रकोप अब पूरे देश में दिखने लगा है. राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है. उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इसके अलावा अब गर्मी का असर देश के जलाशयों के स्तर पर भी साफ दिखने लगा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब देश के जलाशयों (Reservoirs) में उनकी क्षमता का केवल एक चौथाई पानी बचा है.
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में देश के प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में एक फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है. 25 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 42.52 बीसीएम पानी बचा हुआ है. यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 26 प्रतिशत है.
गौरतलब हो कि इससे पहले वाले हफ्ते (18 अप्रैल) में इन जलाशयों में पानी का स्तर 27 प्रतिशत था. मौजूदा जल संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 114 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 104 प्रतिशत है. इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 161.993 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 257.812 बीसीएम का लगभग 63 प्रतिशत है. इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जिससे 60 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पन्न होती है.
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पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है उनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, गुजरात, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं. पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिस राज्य में जल संग्रहण समान स्तर पर है, उसमें एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं. पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण कम है उनमें राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और केरल शामिल हैं.