Omicron Peak: भारत में रोजाना आएंगे 10 लाख केस, होंगी इतनी मौतें- जानें पीक को लेकर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स

भारत में कोरोना (COVID-19) के मामले रोजाना खतरनाक स्पीड से बढ़ रहे हैं. भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1 लाख 41 हजार 986 नए मरीज मिले हैं. इस दौरान 285 लोगों की मौत हुई. भारत में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 9.28 फीसदी हो गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

भारत में कोरोना (COVID-19) के मामले रोजाना खतरनाक स्पीड से बढ़ रहे हैं. भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1 लाख 41 हजार 986 नए मरीज मिले हैं. इस दौरान 285 लोगों की मौत हुई. भारत में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 9.28 फीसदी हो गया है. देश में सक्रिय मामले बढ़कर 4 लाख 72 हजार 169 हो गए हैं. कोरोना के मामले जिस स्पीड से बढ़ रहे हैं बस बेहद चिंताजनक है. 40 से 50 फीसदी मरीज रोजाना बढ़ रहे हैं. Omicron को 'माइल्ड' समझने की भूल न करें, जानें एक्सपर्ट्स का कहना क्या है.

कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अब विशेषज्ञ आकलन लगा रहे हैं कि जल्द ही भारत में इस लहर का पीक आने वाला है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि पीक के दौरान भारत में 24 घंटे में 10 लाख तक केस आ सकते हैं.

इसी महीने आ सकते हैं 10 लाख मामले 

ओमिक्रॉन के चलते भारत में कोरोना की तीसरी लहर (COVID-19 Third Wave) आ गई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जनवरी में तीसरी लहर का पीक दिख सकता है. इस महीने के तीसरी या आखिरी सप्ताह में कोरोना के एक दिन में सबसे ज्यादा केस सामने आ सकते हैं.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और (IISc) और इंडियन स्टैटिसटिकल इंस्टीट्यूट (ISI ) बेंगलुरु के मुताबिक जनवरी के आखिरी हफ्ते में कोरोना के दैनिक मामले 10 लाख तक पहुंच जाएंगे. एक्सपर्ट के मुताबिक ये अनुमान ओमिक्रॉन के संक्रमण को ध्यान में रख कर लगाया गया है. स्टडी में कहा गया है कि जनवरी के आखिरी सप्ताह में कोरोना के सबसे ज्यादा केस आएंगे और इसका असर फरवरी में दिखेगा.

अलग-अलग राज्यों में अलग समय पर पीक 

स्टडी में कहा गया है कि अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग समय पर पीक पर होगा. जनवरी मध्य से लेकर फरवरी के दूसरे सप्ताह तक कोरोना अपना खतरनाक रूप दिखाएगा इसके बाद मामलों में कमी दिखनी शुरू होगी. मार्च से कोरोना के केस कम होने शुरू होंगे.

भारत में कोरोना के मामले जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं उससे देश दहशत में है और रोजाना 10 लाख मामले के अनुमान को लेकर भी भय की स्थिति बनी हुई है. हालांकि राहत की बात यह है महामारी की तीसरी लहर दूसरी के मुकाबले कम विनाशकारी होगी. विशषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर में स्थिति अधिक गंभीर नहीं होगी.

हो सकती हैं इतनी मौतें 

मिशिगन विश्वविद्यालय में बायोस्टैटिस्टिक्स प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी (Bhramar Mukherjee) ने भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर कहा कि भारत में ओमिक्रॉन के बहुत ज्यादा मामले आने वाले हैं. हम ये मान रहे हैं कि भारत में जिन लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक डोज लगी है या फिर जो लोग पहले भी संक्रमित हो चुके हैं, उनमें से 50 प्रतिशत लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं.”

भ्रमर मुखर्जी ने आगे कहा कि दक्षिण अफ्रीका की स्थिति के आधार पर कहें तो भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जितनी मौतें हुईं, उसकी 30 से 50 प्रतिशत मौतें ओमिक्रॉन से हो सकती हैं.

सावधानी से होगा बचाव

कोरोना उपयुक्त व्यवहार का पालन कर हम सभी कोरोना से अपना बचाव कर सकते हैं. अभी तक जो मामले सामने आ रहे हैं उनमें से करीब 80 फीसदी मामलों में लक्षण बेहद हल्के हैं. कुछ ही मामलों में अस्पताल जाने की जरूरत पद रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी लहर की तुलना में ओमिक्रॉन कई गुना कम खतरनाक है लेकिन बुजुर्ग, गंभीर बिमारी वाले और कम इम्युनिटी वाके लोग बीमार पड़ेंगे. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है.

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