OMG: हैदराबाद में डॉक्टरों ने पेट चीरकर निकाला फुटबॉल जितना बड़ा किडनी ट्यूमर
kidney tumor (Photo: IANS)

हैदराबाद, 17 नवंबर : हैदराबाद में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (एआईएनयू) के डॉक्टरों ने 53 वर्षीय एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए 10 किलो वजन के फुटबॉल के आकार के गुर्दे के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया है. अस्पताल ने गुरुवार को कहा कि यह सफल सर्जरी तेलुगू राज्यों में दर्ज की गई पहली और देश में दूसरी घटना है. डॉ. मल्लिकार्जुन सी के नेतृत्व में यूरोलॉजिस्ट की एक टीम में डॉ. तैफ बेंदिगेरी और डॉ. राजेश के रेड्डी शामिल थे. उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

चिकित्सकों के अनुसार कडप्पा निवासी मरीज को पेट में सूजन होने पर एआईएनयू रेफर किया गया था. जांच करने पर, डॉक्टरों ने पेट में बड़े पैमाने पर घाव की उपस्थिति पाई. जांच पर पता चला कि ट्यूमर बाएं गुर्दे से उत्पन्न हो रहा था. डॉ. मलिकार्जुन ने बताया कि, "ट्यूमर के आकार को देखते हुए, हमने रोबोटिक प्रक्रिया को खारिज कर दिया और इसके बजाय ओपन सर्जरी का विकल्प चुना. काफी मशक्कत के बाद ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला जा सका. सर्जरी के बाद, हमें पता चला कि ट्यूमर बहुत बड़ा था, एक फुटबॉल के आकार का था." यह भी पढ़ें : फिरौती के लिए बच्चे के अपहरण और हत्या के दोषी की उम्रकैद अदालत ने रखी बरकरार

डॉ. तैफ और डॉ. राजेश ने बताया, "पेट में सूजन थी, हैरानी की बात यह है कि मरीज ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया या दर्द के बावजूद नजरअंदाज कर दिया. हमारी टीम ने कैंसर पीड़ित लेफ्ट किडनी निकाली. माइक्रोस्कोपिक सर्जिकल मार्जिन ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने के लिए स्पष्ट थे. सौभाग्य से, यह पाया गया कि रोगी को किसी अतिरिक्त चिकित्सा की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि ट्यूमर किसी अन्य अंग में नहीं फैला था. हमने उन्हें फॉलोअप की अनदेखी के खिलाफ आगाह किया है. इससे नियमित निगरानी में मदद मिलेगी."

एआईएनयू के कार्यकारी निदेशक और मुख्य सलाहकार यूरोलॉजिस्ट डॉ. पूर्णचंद्र रेड्डी के अनुसार, यूरोलॉजिकल कैंसर दुनिया भर में बढ़ रहे हैं और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. एआईएनयू मूत्र संबंधी विकृतियों के लिए नियमित रूप से सर्जरी करता है. यह सर्जिकल रोबोट और लेप्रोस्कोपी से सुसज्जित है जो की-होल के माध्यम से सर्जरी की सुविधा प्रदान करता है. वर्तमान मामले के परि²श्य के विपरीत, यदि किसी मरीज को प्रारंभिक चरण में निदान किया जाता है, तो की-होल सर्जरी द्वारा आंशिक नेफरेक्टोमी (किडनी के स्वस्थ हिस्से को त्यागे बिना ट्यूमर को हटाना) किया जा सकता है.