Nyima Tenzin Funeral: लद्दाख में शहीद हुए स्पेशल फ्रंटियर फोर्स कमांडो को 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए लोगों ने दी श्रद्धांजलि, देखें वीडियो
29 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना द्वारा pre-emptive ऑपरेशन चलाया गया. 29 अगस्त की रात को चीन ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. तेंज़िन की जान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एंटी पर्सनल माइन ब्लास्ट में हुई.
29 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना द्वारा pre-emptive ऑपरेशन चलाया गया. 29 अगस्त की रात को चीन ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. तेंज़िन की जान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एंटी पर्सनल माइन ब्लास्ट में हुई. विस्फोट के दौरान वो भारत चीन की विवादित सीमा रेखा पैंगोंग त्सो झील के पूर्वी किनारे पर गश्त लगा रहे थे. यह भी पढ़ें: India-China Standoff: चीन से तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे आर्मी चीफ एमएम नरवणे, ऑपरेशनल तैयारियों का लेंगे जायजा
शहीद जवान नीमा तेंज़िन को पूरे सैन्य सम्मान और 21 तोपों की सलामी के साथ आज लेह में अंतिम विदाई दी गई, इस दौरान भारी मात्रा में लोग भारत का तिरंगा झंडा लिए हुए 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. नीमा तेंज़िन की अंतिम विदाई में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी. सोमवार को लद्दाख में तिब्बती समुदाय ने एक साथ सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो एसएफएफ की 7 विकास बटालियन के थे, जिसे प्रतिष्ठान 22 (Establishment 22) के रूप में भी जाना जाता है. यह भी पढ़ें: India-China Standoff: पूर्वी लद्दाख में चीन ने दुस्साहस से किया इनकार, भारतीय जवानों पर मढ़ा आरोप- NSA अजीत डोभाल ने की हालात की समीक्षा
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वीडियो के अनुसार, तेनज़िन का शव लेह में सोनमलिंग तिब्बती शरणार्थी बस्ती में उनके घर तक एक एसएफएफ ट्रक द्वारा पहूंचाया गया था,उनका शव तिरंगे और तिब्बती ध्वज दोनों में लिपटा हुआ था. अंतिम विदाई में स्थानीय लोगों सहित कई शामिल थे, इस दौरान हवा में 'भारत माता की जय' नारे लगातार गूंज रहे थे.