India-China Standoff: चीन से तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे आर्मी चीफ एमएम नरवणे, ऑपरेशनल तैयारियों का लेंगे जायजा
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में पैंगोंग सो (Pangong Tso) झील इलाके में चीन के हालिया दुस्साहस के बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) लेह की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज वहां पहुंचे है. बताया जा रहा है आर्मी चीफ (Army Chief) मुकुंद नरवणे अपने इस दौरे में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के जमीनी हालात की जानकारी लेंगे और चीनी सैनिकों की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी की समीक्षा करेंगे.

न्यूज़ एजेंसी एनएनेआई ने सेना के सूत्रों से हवाले से बताया कि सेना प्रमुख एमएम नरवणे लेह की स्थिति का जायजा लेने के लिए जा रहे है. उन्हें वरिष्ठ फील्ड कमांडर चीन से सटी सीमा पर जारी तनाव की स्थिति से रूबरू करवाएंगे. सेना के सूत्रों ने बताया कि आर्मी चीफ अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का भी मुआयना करेंगे. वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का आरोप, कहा- चीन स्पष्ट तौर पर अपने पड़ोसियों को परेशान करने में लगा हुआ है

भारत ने चीन से पैंगोंग सो से अपने सैनिकों को पूरी तरह से हटाने के लिए कहा है, लेकिन चीन इस पर अमल नहीं कर रहा है. फिलहाल भारतीय सेना पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर रणनीतिक स्थानों पर अपना दबदबा बना रही है. चीन ने यथास्थिति को बदलने की मंशा के साथ भारतीय क्षेत्र में ठाकुंग बेस के पास सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई है. एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत ने चीनी जवानों द्वारा घुसपैठ के प्रयासों को विफल कर दिया है और इसके बाद पहाड़ की चोटी पर अपनी पकड़ बनाई है, ताकि चीनी सेना भारतीय क्षेत्र के अंदर आगे नहीं आ सके. यह भारत के लिए रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण स्थान है.

उल्लेखनीय है कि चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) द्वारा 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात पैंगोंग सो झील इलाके में उकसाने वाली कार्रवाई के बाद स्थिति संवेदनशील बन गई है. इस बीच तनाव घटाने के लिए दोनों पक्षों के सेना कमांडरों के बीच एक और दौर की असफल वार्ता हुई है. दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब चार महीने से आमने-सामने हैं. बातचीत के कई स्तर के बावजूद, कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है. यहां चीन कुछ समय से यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहा है, हालांकि भारतीय जवान हर बार चीन के मंसूबे नाकाम कर दे रहे है.