नयी दिल्ली, 15 मार्च: वाहन कबाड़ नीति (Vehicle Scrapping Policy) के तहत गाड़ियों को कबाड़ में बदलने की कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए 10 साल पुराने ट्रैक्टरों को हटाने की खबर को झूठा और आधारहीन बताया.
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कृषि ट्रैक्टर, एक गैर-परिवहन वाहन है और शुरुआत में 15 वर्षों के लिए पंजीकृत है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक 15 साल की शुरुआती पंजीकरण अवधि पूरी होने के बाद इसके पंजीकरण को एक बार में पांच साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है. Child Adoption in India: बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया हुई सरल, अब एडॉप्शन में आई तेजी
मंत्रालय ने कहा, ''10 साल बाद ट्रैक्टरों को अनिवार्य रूप से कबाड़ में बदलने के संबंध में ट्विटर और व्हाट्सऐप सहित मीडिया के एक वर्ग में चल रही खबरें पूरी तरह से झूठी, निराधार और बिना किसी सचाई के हैं.''
बयान में चेतावनी दी गई कि दहशत पैदा करने के लिए झूठी सूचना फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. इनमें आगे कहा गया कि भारत सरकार ने कुछ सरकारी वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन के लिए आयु निर्धारित नहीं की है. मंत्रालय ने अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले परिवहन और गैर-परिवहन वाहनों को स्वैच्छिक रूप कबाड़ में बदलने के लिए वाहन कबाड़ नीति तैयार की है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)