केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने NHAI और टोल ऑपरेटर्स को दी सलाह, प्रवासी श्रमिकों के खाने-पीने की करें व्यवस्था
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Photo Credit-PTI)

कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के चलते पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है. देश भर में ट्रांसपोर्ट्स बंद हैं. ट्रेन, बसें कुछ भी नहीं चल रही हैं. इस लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी उन मजदूरों को हो रही है जो अपने घरों से दूर अन्य राज्यों में हैं. इन लोगों के लिए कोई काम भी नहीं बचा है, जिससे उनकी आमदनी रुक गई है. ये लोग अब ट्रांसपोर्ट ना होने की सूरत में पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े हैं. इन लोगों को खाने-पीने की भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने दूसरे राज्यों को लौट रहे लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है- मैंने एनएचएआई के चेयरमैन और हाईवे के टोल ऑपरेटर्स को कहा है कि वह दूसरे राज्यों को वापस जा रहे मजदूरों या नागरिकों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करें. अपने घरों को लौट रहे लोगों के खाने के लिए खाना, पीने के लिए पानी और अन्य जो भी मदद संभव हो करें. यह भी पढ़ें- लॉकडाउन: सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों को भोजन, आश्रय देने की मांग वाली याचिका दायर.

घर लौट रहे श्रमिकों के लिए खाना-पानी की व्यवस्था-

इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि मैंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के चेयरमैन और टोल ऑपरेटरों को सलाह दी है कि वे ऐसे प्रवासी श्रमिकों और नागरिकों के लिए भोजन, पानी की व्यवस्था करने या अन्य किसी तरह की मदद देने पर विचार करें, जो अपने मूल स्थानों की ओर जाने की कोशिश कर रहे हैं.

नितिन गडकरी ने अपने ट्वीट में लिखा, "संकट के इस समय में हमें अपने साथी नागरिकों की मदद करनी चाहिए. मुझे भरोसा है कि टोल ऑपरेटर मेरे इस आह्वान पर ध्यान देंगे." इससे पहले, कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा था कि आपात सेवाओं का काम आसान करने के लिए देश में अस्थायी तौर पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल नहीं लिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा था, ‘कोविड-19 को देखते हुए आदेश दिया जाता है कि देश के सभी टोल प्लाजा पर टोल लेने का काम बंद किया जाए.'