निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया: राघव चड्ढा
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नई दिल्ली, 14 फरवरी : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राज्यसभा में उन पर किए गए कटाक्ष पर अपना पक्ष रखा है. मैंने अपने भाषण में रेल यात्रियों से जुड़ी समस्याएं, मध्यम वर्ग की वित्तीय चुनौतियां, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए जा रहे शुल्क और टैरिफ, और गिरता हुआ रुपया जैसे कई मुद्दे उठाए थे. उन पर जवाब न देते हुए, उन्होंने टैक्स वाले मुद्दे पर मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया.

राघव चड्ढा ने वीडियो में कहा, "गुरुवार को राज्यसभा में बजट पर बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेरे बयान पर काफी कटाक्ष किया और यह भी कहा कि मैंने सदन को गुमराह करने की कोशिश की. जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की अनुमति मांगी तो मुझे अनुमति नहीं दी गई, इसलिए मैंने सोचा कि इस वीडियो के माध्यम से सीधे वित्त मंत्री से बात करूं और सच्चाई स्पष्ट करने की कोशिश करूं. केंद्रीय बजट 2025 पर चर्चा के दौरान मैंने कई मुद्दे उठाए, जैसे कि रेल यात्रियों से जुड़ी समस्याएं, मध्यम वर्ग की वित्तीय चुनौतियां, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए जा रहे शुल्क और टैरिफ और गिरता हुआ रुपया. वित्त मंत्री ने इन मुद्दों पर कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन हां, उन्होंने मेरे द्वारा बताए गए आयकर छूट के उदाहरण पर कई बयान दिए. सबसे पहले, मैं यह कहना चाहूंगा कि मैंने जो कुछ भी कहा था, मैं आज भी उस पर पूरी तरह से कायम हूं." यह भी पढ़ें : भारत, अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य; समझौते पर बातचीत शुरू

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही यह 12 लाख रुपये की कर छूट कर कटौती नहीं है. यह सिर्फ और सिर्फ कर छूट है, जिसका मतलब है कि अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 12 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं, तो आपको अपनी पूरी आय पर आयकर देना होगा. वित्त मंत्री ने इस अवधारणा को समझाने के लिए मेरे द्वारा दिए गए उदाहरण को तकनीकी रूप से जटिल बनाने की कोशिश की और इसमें सीमांत कर छूट की अवधारणा को जोड़कर यह साबित करने की कोशिश की कि मेरा उदाहरण गलत था. मैं आपसे सीधे पूछना चाहता हूं वित्त मंत्री जी, क्या यह सच नहीं है कि अगर कोई व्यक्ति 12 लाख रुपये से ज्यादा कमाता है, तो उसे अपनी पूरी आय पर कर देना होगा?"

उन्होंने कहा, "आप 12 लाख 75 हजार रुपये तक सीमांत कर छूट दे रही हैं. आप मुझे बताएं कि अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 13 लाख रुपये कमाता है, तो क्या उसे अपने स्लैब के अनुसार 13 लाख रुपये की पूरी आय पर आयकर देना होगा या नहीं? या उसे 13 लाख रुपये में से 12 लाख रुपये घटाकर कर देना होगा? सही उत्तर यह है कि उसे पूरे 13 लाख रुपये पर आयकर देना होगा. मान लीजिए कोई व्यक्ति सालाना 12 लाख 76 हजार रुपये कमाता है, तो उसे पूरे 12 लाख 76 हजार रुपये पर आयकर देना होगा, न कि सिर्फ 12 लाख रुपये से ऊपर कमाए गए 76 हजार रुपये पर. इस टैक्स छूट की अवधारणा को समझाने के लिए मैंने एक उदाहरण दिया था और मैं आज भी उस पर कायम हूं कि अगर आप 12 लाख रुपये में से एक रुपया भी अतिरिक्त कमाते हैं, तो आपको अपनी पूरी आय पर आयकर देना होगा."

आप सांसद ने कहा, "वित्त मंत्री ने मेरे उस बयान को लेकर मुझ पर काफी व्यक्तिगत हमले भी किए. मेरे बारे में व्यक्तिगत टिप्पणियां कीं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति मेरे मन में बहुत आदर और सत्कार है. वह अनुभव, पद और उम्र में मुझसे काफी बड़ी हैं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मुझे उम्मीद है कि भविष्य में वित्त मंत्री इस तरह के व्यक्तिगत बयान देने से बचेंगी और सरल टैक्स अवधारणाओं को सामने लाने के लिए दिए गए उदाहरणों को तकनीकी रूप से तोड़-मरोड़ कर जनता के सामने पेश करने की कोशिश नहीं करेंगी."