नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya GangRape) और हत्याकांड मामलें में मौत की सजा पाए दोषी मुकेश कुमार सिंह (Mukesh Singh) की याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया है. शीर्ष कोर्ट ने सजायाफ्ता चारों दोषियों में से एक मुकेश की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. दोषी ने पिछले शनिवार को एक याचिका दायर कर राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज किये जाने को चुनौती दी थी.
जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि वह दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका को खारिज करते है, क्योकि इस मामलें में दखल देने की कोई जरुरत नहीं मालूम पड़ रही है. कोर्ट ने कहा कथित यातना आधार नहीं हो सकती है, सभी दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने रखे गए थे और उन्होंने उन्हें ध्यान में रखकर फैसला लिया. दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को 32 वर्षीय मुकेश की दया याचिका को खारिज कर दिया था. निर्भया गैंगरेप केस: दोषी मुकेश के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में किया बड़ा दावा, कहा- जेल में उसके साथ हुआ यौन उत्पीड़न
इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और फांसी की सजा के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका की अर्जी लगाई थी.
Supreme Court dismisses petition (of 2012 Delhi gangrape convict Mukesh) and says there is no merit in the contention, alleged torture can't be a ground, all documents were placed before the President & he had taken them into consideration. pic.twitter.com/1C9dFrZrlE
— ANI (@ANI) January 29, 2020
चारो दोषियों-मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर व पवन गुप्ता- को पहले 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी. हालांकि सुनवाई लंबित होने के चलते निचली अदालत ने दोषियों को मौत की सजा दिए जाने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया और एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी का समय तय किया.
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. इसमें छह लोग शामिल थे, जिसमें राम सिंह ने जेल में फांसी लगा ली थी, जबकि एक नाबालिग सजा पूरी कर चुका है. (एजेंसी इनपुट के साथ)