निर्भया गैंगरेप और हत्या (Nirbhaya Gangrape case) के एक दोषी विनय शर्मा (Vinay Sharma) ने राष्ट्रपति से अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की है. विनय शर्मा की दलील है कि उसने दया याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. बता दें कि विनय शर्मा की दया याचिका को शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया था. विनय शर्मा ने राष्ट्रपति को अर्जी देकर दया याचिका वापस लेने की गुहार लगाई है. विनय शर्मा के वकील का दावा है कि गृह मंत्रालय द्वारा भेजी गई दया याचिका पर विनय शर्मा के हस्ताक्षर नहीं थे. शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी और इसे नामंजूर करने की सिफारिश की थी.
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने इसी सप्ताह इस दया याचिका को ठुकराते हुए फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी. दिल्ली सरकार पहले ही यह याचिका खारिज कर चुकी है. सीएम अरविंद केजरीवाल भी राष्ट्रपति से दया याचिका को खारिज करने की अपील कर चुके हैं. राष्ट्रपति को फांसी की सजा को माफ करने का अधिकार है.
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दया याचिका वापस करने की गुहार-
Vinay Sharma, one of the convicts in Nirbhaya case moved a plea before President of India seeking immediate withdrawal of his mercy petition as he claims that the mercy plea sent to the President by Union Home Ministry wasn't signed and authorized by him. pic.twitter.com/iRbAa7SWzb
— ANI (@ANI) December 7, 2019
गौरतलब है कि, निर्भया मामला 16 दिसंबर 2012 का है. दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.
चारों आरोपियों को दोषी मानकर उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. वहीं, एक आरोपी ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला मानते हुए आरोपियों की मौत की सजा को बरकरार रखा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी मई 2017 में चारों आरोपियों की मौत की सजा को बरकरार रखा था. जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पीटीशन को भी खारिज कर दिया था.