निर्भया केस: दोषी अक्षय की पत्नी का हाई वोल्टेज ड्रामा, पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर हुई बेहोश
पुनीता देवी ( फोटो क्रेडिट- ANI )

निर्भया गैंग रेप मामले (Nirbhaya Gang Rape Case) में दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह (Akshay Kumar Singh) की पत्नी पुनीता देवी (Punita Devi) का पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court complex) के बाहर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर पुनीता देवी नर्वस ब्रेकडाउन ( Nervous Breakdown) हुआ और वो बेहोश होकर गिर गईं. बता दें कि अक्षय कुमार सिंह की पत्नी पुनीता ने अपने पति से तलाक के लिए बिहार की अदालत में याचिका दायर की है. दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया.

अदालत ने कहा कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है. बता दें कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दोषियों की किसी भी अदालत में कोई याचिका लंबित नहीं है.

ANI का ट्वीट:- 

इससे पहले अक्षय की पत्नी पुनीता ने अदालत में दाखिल अर्जी में लिखा था, मेरे पति को सजा-ए-मौत दी जानी है. जबकि मेरे पति निर्दोष हैं. ऐसे में मैं अपनी जिंदगी एक दुष्कर्मी पति की विधवा बनकर नहीं गुजार सकती, लिहाजा मुझे कानूनी तौर पर पति की मौत से पहले ही तलाक दिलवाया जाए. बता दें कि अक्षय के साथ अन्य तीन दोषियों-मुकेश, पवन और विनय को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. इससे पहले एक निचली अदालत ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे चुनौती देते हुए मुकेश ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

पूरा मामल समझें

गौरतलब है कि 23 वर्षीय छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 6 लोगों द्वारा गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. जिसके बाद आरोपियों ने उसे बस से नीचे फेंक दिया था. वही 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. इस मामले के 6 आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी. वही आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल था जिसे तीन साल की सजा काटने के बाद बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था. फांसी की सजा मिलने के बाद से ही देश को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले (Nirbhaya case) के दोषी फांसी के फंदे से बचने के लिए हर हथकंडे अपना रहे है.