नई दिल्ली: भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को बड़ा झटका देते हुए ब्रिटेन की एक अदालत ने गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया. वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजे ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मोदी के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत को स्वीकार करते हुए कहा, "इनमें से कई मामले भारत में मुकदमे के लिए हैं. मैं फिर से संतुष्ट हूं कि इस बात के सबूत हैं कि उन्हें दोषी ठहराया जा सके."
लगभग दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद यह फैसला सुनाया गया है. भारत में हिरासत की स्थिति और चिकित्सा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए, अदालत ने कहा, "बैरक 12 में स्थितियां (मुंबई में आर्थर रोड जेल में) लंदन में उनके वर्तमान सेल से कहीं बेहतर दिखती हैं."
नीरव मोदी के पक्ष में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी बिगड़ती सेहत और भारतीय जेलों की खराब स्थितियों को देखते हुए उन्हें भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, अदालत के फैसले को अब साइन-ऑफ के लिए यूके की होम सेक्रेटरी प्रीति पटेल को भेजा जाएगा. परिणाम के आधार पर, दोनों ओर से उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है.
19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किए गए मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग, सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रचने का आरोप है.