Nipah Virus: केरल में निपाह को लेकर अलर्ट, 2 मौतों के पीछे वायरस का बांग्लादेश वैरिएंट; शरीर पर ऐसे करता है वार
Nipah Virus | PTI

कोझिकोड: केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus) के कारण हड़कंप मच गया है. हाल ही में कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिसके बाद केंद्र से लेकर राज्य सरकार एक्टिव मोड पर आ गई है. दो मौतों के कारण अधिकारियों को सात पंचायतों के कई वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित करना पड़ा है. केरल सरकार के मुताबिक निपाह वायरस ने चार संक्रमितों में से दो की जान ले ली है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि यह निपाह वायरस का प्रकार बांग्लादेश वैरिएंट है, जो एक इंसान से दूसरे में फैलता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है, हालांकि यह कम संक्रामक है. Nipah Virus: लौट आया है निपाह का कहर, कितना खतरनाक है ये वायरस; जानें इसके बारे में सब कुछ.

स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को पुष्टि की कि निपाह संक्रमण के कारण सोमवार को कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में दो लोगों की मौत हो गई. केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'एक वयस्क और एक बच्चा अभी भी निपाह वायरस से संक्रमित हैं और अस्पताल में हैं, और अब तक 130 से अधिक लोगों का वायरस के लिए परीक्षण किया जा चुका है.

जिले में सात कंटेनमेंट जोन 

केरल के कोझिकोड जिले में सात ग्राम पंचायतों - अतांचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. जिले में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री विजयन ने लोगों से नहीं घबराने और एहतियात बरतने की सलाह दी है. संक्रमित मरीजों में नौ वर्ष का बच्चा भी शामिल है.

वायरस से संक्रमित जिस पहले व्यक्ति की 30 अगस्त को मौत हुई थी, शुरू में उसकी मृत्यु का कारण लिवर सिरोसिस माना गया था, लेकिन अब उसके नौ वर्षीय पुत्र और 24 वर्षीय रिश्तेदार में मंगलवार को हुई जांच में निपाह वायरस के संक्रमण की पष्टि हुई है. व्यक्ति का बेटा पहले से ही आईसीयू में है.

कैसे फैलता है निपाह

यह वायरस है जानवरों से इंसानों में फैलता है. इसे ज़ूनोटिक डिज़ीज़ (Zoonotic Disease) कहा जाता है. ये चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैल सकता है. ऐसा माना जाता है कि यह वायरस चमगादड़ जैसे संक्रमित जानवरों की लार, ब्लड या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क से फैलता है. यह ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन से, किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उत्पन्न श्वसन बूंदों के जरिए भी फैल सकता है.