वाराणसी में विकसित हुई तरबूज की नई प्रजाति, किसानों के लिए मुनाफ़ा दे सकती हैं
तरबूज (Photo Credits: Pixabay)

केंद्र सरकार जहां किसानों के हित में बिल ला रही है, वहीं सरकारी संस्थान किसानों की खेती को उन्नत बनाने के लिये नये-नये प्रयोग कर रहे हैं,जिससे फसल का उत्पादन बढ़ सके और किसानों की आय दोगुनी हो सके. इस बीच वाराणसी स्थित सब्जी अनुसंधान ने ऐसे तरबूजों की प्रजाति विकसित की है जो हमारे लिये स्वास्थ्यवर्धक है और किसान इसे पैदा कर अधिक मुनाफ़ा कमा सकते हैं.
सब्जी अनुसंधान के निदेशक डॉ जगदीश सिंह ने बताया कि अक्सर उपभोक्ता और किसानों ने देखा होगा कि मॉल आदि में अलग-अलग रंग और किस्म के तरबूज मिलते थे. ये सभी बाहर से मंगाये जाते रहे हैं. लेकिन पहली बार सब्जी अनुसंधान संस्थान ने तीन रंगों के तरबूज की प्रजाति विकसित करने का कार्य किया है. इसमें एक नारंगी रंग जिसमें केरोटिन की मात्रा ज्यादा पायी जाती है, जिसे आम भाषा में विटामिन ए कहते हैं, जो आंख की रोशनी के लिये काफी फायदा होता है. दूसरा लाल रंग या गुलाबी है जिसमें लाइकोपीन की मात्रा बहुत ज्यादा पायी जाती है. ये एक तरह का स्ट्रॉंग एंटीबॉडी की तरह काम करता है. जिस तरह से इन दिनों इम्यून बढ़ाने में मदद करता है. यह भी पढ़े: सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है तरबूज के बीज! इन्हें फेंकें नहीं लाभ उठायें, ये इम्यून सिस्टम को भी करते हैं मजबूत
तीसरा पीले रंग का तरबूज है, इस प्रजाति में ल्यूटिन नाम का तत्व ज्यादा पाया पाया जाता है, जो आंख की रेटिना को मजबूत करने में सहायक करता है. वहीं इस बारे में तरबूत की प्रजाति को विकसित करने वाले वैज्ञानिक केशव गौतम बताते हैं कि पिछले 6 साल से इस शोध में लगे थे, जिसमें अब सफलता मिली है. इस पीले तरबूज में भी कैरोटीनेट से भरपूर होता है.