नई दिल्ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही लोकसभा के सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया है. उनके इस फैसले के पीछे का कारण माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार द्वारा पीएम मोदी के पक्ष में दिए गए बयान है. वैसे अभी तक इस मामले पर तारिक अनवर ने किसी तरह का अधिकारिक बयान नहीं दिया है.
तारिक अनवर एनसीपी के बड़े नेताओं में से एक थे. इसके साथ ही वे एनसीपी के संस्थापक सदस्य रहे हैं. उनक इस तरह से पार्टी छोड़ना एनसीपी के लिए बड़ा नुकसान माना माना जा रहा है. तारिक अनवर एनसीपी में आने से पहले कांग्रेस में थे. लेकिन सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर शरद पवार उन्होंने समर्थन किया था और 999 में तारिक ने कांग्रेस छोड़ दी थी.
NCP national general secretary Tariq Anwar quits the party, also resigns from the post of Lok Sabha MP. (File pic) pic.twitter.com/vX4ablr9fL
— ANI (@ANI) September 28, 2018
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तारिक अनवर ने की थी राफेल सौदे की जेपीसी से जांच की मांग
बता दें कि दो दिन पहले ही तारिक अनवर ने राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी के गठन की मांग का समर्थन किया था. तारिक ने कहा था कि 1980 के दशक में बीजेपी विपक्ष में थी, उसने बोफोर्स सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन की जोरदार मांग की थी. पर आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग वह क्यों नहीं मान रही है.
शरद पवार ने दिया था यह बयान
राफेल डील को लेकर जहां कोंग्रेस लगातार बीजेपी की सरकार पर हमला कर रही है. वहीं यूपीए सरकार में मंत्री रहे एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि पीएम की नियत पर शक नहीं किया जा सकता. लेकिन उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर तंज कसा था. लेकिन शरद पवार के इस बयान ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दावों की हवा निकाल दी है.