नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में गिरफ्तार दो लोगों को 4 जून तक CBI हिरासत में भेजा गया

अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जब वह सुबह की सैर पर निकले थे.

नरेंद्र दाभोलकर | फाइल फोटो | (Photo Credits: Twitter)

नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड (Narendra Dabholkar Murder Case) में कथित तौर पर सबूतों को नष्ट करने के मामले में गिरफ्तार किए गए एक वकील और एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता को पुणे सेशन कोर्ट (Pune Sessions Court) ने शनिवार को 4 जून तक सीबीआई (CBI) की हिरासत में भेज दिया है. सीबीआई ने वकील संजीव पुनालेकर (Sanjeev Punalekar) और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे (Vikram Bhave) को 25 मई को मुंबई में गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें पुणे स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस. एन. सोनावने की अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच 26 मई को पेश किया गया जिन्होंने उन्हें एक जून तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था. हालांकि 1 जून को कोर्ट ने इनकी हिरासत अवधि बढ़ाकर चार जून तक कर दी है.

सीबीआई ने बताया था कि भावे, पुनालेकर के कार्यालय में सहायक के रूप में कार्यरत था. अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जब वह सुबह की सैर पर निकले थे. प्रारंभिक जांच में निकला है कि पुनालेकर और भावे का दाभोलकर के दो कथित हत्यारों से संपर्क था और उन्होंने सबूतों को मिटाने में भी मदद की.

सीबीआई ने 26 मई को अदालत को बताया था कि पुनालेकर ने मामले में गिरफ्तार किये गये शूटर शरद कालस्कर से कथित तौर पर उन हथियारों को नष्ट करने को कहा था जिनका इस्तेमाल दाभोलकर और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में किया गया था. एजेंसी ने यह भी कहा था कि भावे ने कथित तौर पर शूटरों की मदद की और उस जगह का मुआयना किया जहां दाभोलकर को गोली मारी गयी थी. अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया था कि भावे कथित शूटरों शरद कालस्कर और सचिन अंदुरे की मदद की थी और अपराध के बाद उन्हें भागने में मदद की थी. यह भी पढ़ें- नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामला: सीबीआई को मिली बड़ी कामयाबी, मुख्य आरोपी पुणे से गिरफ्तार

सीबीआई ने कहा कि शूटरों द्वारा अपराध के दौरान इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल को वह एक अज्ञात स्थान पर ले गया. वकील पुनालेकर की भूमिका पर एजेंसी ने कहा था कि जून 2018 में कालस्कर मुम्बई में वकील के कार्यालय में गया था और उसे दाभोलकर हत्या में उसकी भूमिका के बारे में बताया था. एजेंसी के अनुसार, दाभोलकर, कम्युनिस्ट नेता गोविंद पंसारे (फरवरी 2015 में कोल्हापुर में हत्या) और लंकेश (सितम्बर 2017 में बेंगलुरू में गोली मारकर हत्या) हत्याएं एक दूसरे जुड़ी हुई है.

भाषा इनपुट

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