Nagaland: उग्रवादी समझ सुरक्षाबलों ने मजदूरों पर की फायरिंग, 11 की मौत, हिंसा में 1 जवान की भी गई जान, SIT जांच के आदेश
नागालैंड में सुरक्षाबलों की फायरिंग में कई लोगों की मौत (Photo Credits: ANI)

गुवाहाटी: नागालैंड (Nagaland) के मोन जिले (Mon District) से बड़ी खबर आ रही है. यहां के ओटिंग (Oting) गांव में सुरक्षाबलों द्वारा किए गए अंधाधुंध फायरिंग में करीब एक दर्जन आम नागरिक मारे गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असम राइफल्स (Assam Rifles) के जवानों ने कथित तौर पर पीड़ितों को NSCN उग्रवादी समझ कर उन पर घात लगाकर हमला किया. इस घटना से इलाके में तनाव का माहौल है. नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियू (Neiphiu Rio) ने घटना पर दुख जताते हुए जांच के आदेश दिए है.

घटना शनिवार 4 दिसंबर की शाम की है, जब पीड़ित एक पिकअप ट्रक से कोयला खदान में काम कर घर लौट रहे थे. बताया जा रहा है कि सभी लोग कोयला खदान में दिहाड़ी मजदूर थे. फ़िलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय मोन लाया जा रहा था. स्थिति तनावपूर्ण बताई जा रही है. घटना से आक्रोशित लोगों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.

घटना पर खेद जताते हुए असम राइफल्स ने कहा विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था. उच्चतम स्तर पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को गंभीर चोटें आई हैं, जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा “नागालैंड के ओटिंग में दुर्भाग्यपूर्ण घटना से व्यथित हूं. घटना में जिन्होंने अपनी जान गंवाई मैं उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय एसआईटी (SIT) शोक संतप्त परिवारों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए इस घटना की गहन जांच करेगी.”

वहीँ, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियू ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मोन के ओटिंग में नागरिकों की हत्या की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत निंदनीय है. पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त करता हूं. घायल लोगों के जल्द ठीक होने की कामना करना करता हूं. उच्चस्तरीय एसआईटी मामले की जांच करेगी और कानून के अनुसार न्याय होगा. सभी वर्गों से शांति की अपील करता हूं.”

जिले के कोन्याक (जनजाति) नेताओं ने दावा किया कि शनिवार शाम छह लोगों की मौत हो गई और सात अन्य ने रविवार सुबह तक दम तोड़ दिया. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़पेपर से कहा “13 नागरिक मारे गए और 11 नागरिक घायल हो गए. दो नागरिकों के भी लापता होने की सूचना मिली थी.”

उन्होंने कहा “हम दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. अगर न्याय नहीं मिलता है, तो परिवारों शव नहीं लेंगे. हम सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों में जा रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा “कोयला खदान पीड़ितों के गांव से लगभग 15 किमी दूर है. वे हर शनिवार को घर आते हैं, रविवार को परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं और फिर सोमवार की सुबह ड्यूटी के लिए वापस लौट जाते हैं.”