दिल्ली (Delhi) की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (Muzaffarpur Shelter Home) यौन शोषण मामले में में सभी आरोपियों के खिलाफ शनिवार को आरोप तय कर दिया. इन आरोपों में बलात्कार और यौन उत्पीड़न की आपराधिक साजिश भी शामिल है. एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ (Saurabh Kulshreshtha) ने 21 आरोपियों पर मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. बलात्कार (376) और आपराधिक साजिश के अलावा अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं और अन्य आरोपों के तहत भी आरोप तय किए हैं.
वहीं, कोर्ट के समक्ष पेश हुए सभी आरोपियों ने खुद के बेकसूर होने का दावा किया है. इस मामले के कथित मास्टरमाइंड और रसूखदार व्यक्ति ब्रजेश ठाकुर पर पॉक्सो कानून के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस अपराध के लिए कम से कम 10 साल की कैद और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है. सभी 20 आरोपियों पर किशोरियों से बलात्कार और यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए गए हैं.
Muzaffarpur shelter home case: Delhi's Saket Court frames charges against all accused under various sections of POCSO Act. #Bihar
— ANI (@ANI) March 30, 2019
अदालत बलात्कार, यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, किशोरियों को नशीला पदार्थ देने, आपराधिक भयादोहन के आरोपों पर सुनवाई करेगी. मुख्य आरोपी ठाकुर और उसके बालिका गृह के कर्मचारियों व बिहार समाज कल्याण विभाग के कुछ अधिकारियों पर आपराधिक साजिश रचने, कर्तव्य नहीं निभाने, लड़कियों के यौन उत्पीड़न को रिपोर्ट करने में नाकाम रहने के आरोप तय किए गए हैं. उनके खिलाफ अपने प्राधिकार में मौजूद बच्चियों पर निर्ममता बरतने के आरोप भी शामिल हैं. यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: जांच अधिकारी के ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, नागेश्वर राव तलब
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को यह मामला बिहार से दिल्ली के साकेत स्थित पॉक्सो अदालत भेजने का आदेश दिया था. मुजफ्फरपुर में एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में कई लड़कियों से कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था. मामले में 31 मई 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
भाषा इनपुट