Mumbai: ऑनलाइन शराब ऑर्डर कर फंस गई महिला, 30 रुपये के लालच में 6 बार स्कैन किया कोड, जालसाजों ने की 4.8 लाख की हुई ठगी

महिला और उसकी उसकी भाभी, ने शराब पीने की योजना बनाई और पास के इलाके में एक वे ओम साई बीयर की दुकान पर पहुंची और एक नंबर पर कॉल किया, यहीं से इस वारदात की शुरुआत हुई.

सांकेतिक तस्वीर (Photo Credit : Pixabay)

Online Fraud in Mumbai, मुंबई, 7 अप्रैल: मुंबई में एक निजी फर्म में एक कार्यकारी के रूप में कार्यरत 32 वर्षीय महिला के साथ 4.8 लाख रुपये की ठगी (Fraud) का मामला सामने आया है. जालसाजों  ने नया तरीका अपना कर महिला के पैसै ऐठ लिए. पीड़ित महिला ने एक नंबर पर शराब का ऑर्डर दिया. जालसाज ने 4 अप्रैल को पीड़िता को फोन किया और बताया कि उसने 620 रुपये के बजाय 650 रुपये का भुगतान किया है, यानी उसने 30 रुपये अधिक दे दिए हैं. UP Shocker: शादी के नाम पर ठगी करने वाला नटवरलाल गिरफ्तार, अब तक 200 लड़कियों को बना चुका है शिकार

पुलिस (Mumbai police) ने कहा कि कैश ऑन डिलीवरी को प्राथमिकता देने की लगातार चेतावनियों के बावजूद, लोग अपने बैंकिंग विवरण साझा कर  रह हैं. लोग विवरण को सत्यापित किए बिना ऑनलाइन भुगतान करते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं.

पवई के एक आलीशान टावर में रहने वाली महिला और उसकी उसकी भाभी ने शराब पीने की योजना बनाई और पास के इलाके में एक वे ओम साई बीयर की दुकान पर पहुंची और एक नंबर पर कॉल किया. फोन पर प्रदीप कुमार नाम के एक व्यक्ति ने उनसे बात की. पीड़िता ने फोन पर ही शराब का ऑर्डर दे दिया, जिसके बाद प्रदीप ने पीड़ित के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड भेजा और उसे 'G pay' के माध्यम से 620 रुपये का भुगतान करने के लिए इसे स्कैन करने को कहा.

पीड़िता ने कोड स्कैन कर पैसे भेज दिए जिसके बाद, आरोपी ने उन्हें दोबारा फोन किया और कहा कि "आपने 30 रुपये अधिक भेज दिए हैं. महिला ने बताया कि "धोखेबाज ने कहा वह 30 रुपये वापस करना चाहता है और मेरे मोबाइल पर भेजे गए एक क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहा, और मेरे खाते से R519,991 डेबिट हो गए. मैंने डेबिट किए गए पैसे के बारे में उससे पूछा तो जालसाज ने कहा कि कुछ गलती हुई होगी, जिसकी वजह से पैसा कटा, उसने दूसरे कोड को स्कैन करने के लिए कहा, और इस बार भी 96,108 रुपये डेबिट हो गए. मैं धोखेबाज के अनुरोध पर आधा दर्जन से अधिक बार कोड को स्कैन किया, हर बार मेरे पैसे खाते से कटते रहे, जिसके मुझे समझ आया कि हम ठगी के शिकार हो चुके हैं. कुल मिलाकर 4 लाख 80 हजार रुपये की ठगी को अंजाम दिया गया है.

मामले पर पुलिस ने कहा कि "हमने आरोपी का पता लगाने के लिए बैंक खाते का विवरण मांगा है, जिसमें पैसा जमा हुआ था, हम व्यक्ति के स्थान का पता लगाने के लिए विवरण भी एकत्र कर रहे हैं." वहीं एक साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा "एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव रिटेल लिकर वेंडर्स (APRLV) ने धोखाधड़ी से निपटने के लिए ग्राहकों से ऑनलाइन भुगतान के लिए कहने के बजाय कैश ऑन डिलीवरी करने की अपील की है."

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