Sanjay Nirupam on MNS: लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होने वाला है. प्रदेश में होने वाले चुनाव से पहले एक बार फिर महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) की गुंडागर्दी लौटती हुई दिख रही है. ऐसा इसलिए मुंबई से सटे नवी मुंबई में इलाके के एक होटल में मनसे कार्यकर्ता एक पहुंचे थे. जहां एक वेटर को उन लोगों ने उसे मराठी गाना बजाने से मना करने और मराठी नहीं बोलने पर उसे पीटने लगे. वीडियो वायरल होने पर मामले में कांग्रेस छोड़कर शिंदे गुट की शिवसेना में गए संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने डिप्टी देवेंद्र फडणवीस से कार्रवाई की मांग की है.
संजय ने निरुपम ने वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर लिखा, यह वीडियो नवी मुंबई का है कल का है. एक महीने पहले एक मज़दूर रोटी की तलाश में यहाँ आया. एक रेस्टोरेंट में उसे वेटर की नौकरी मिल गई. मनसे वाले कह रहे हैं कि तुम मराठी बोलो. इतना फ़ास्ट लर्नर होता तो रोज़गार के लिए दर-दर भटकता? वहीं आगे निरुपम ने लिखा, महाराष्ट्र में मराठी भाषा सबको बोलनी चाहिए.
इस भाषा के सम्मान के प्रति हम सब वचनबद्ध हैं. लेकिन इसके लिए क़ानून हाथ में लेना,गुंडागर्दी करना और किसी गरीब को पीटना यह सब महाराष्ट्र की समृद्ध संस्कृति को कलंकित करता है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र: राज ठाकरे की पार्टी मनसे कार्यकर्ता की लातूर में गुंडागर्दी, कृषि विभाग कार्यालय में की तोड़फोड़; देखें वीडियो
देखें वीडियो:
यह वीडियो नवी मुंबई का है।
कल का है।
एक महीने पहले एक मज़दूर रोटी की तलाश में यहाँ आया।
एक रेस्टोरेंट में उसे वेटर की नौकरी मिल गई।
मनसेवाले कह रहे हैं कि तुम मराठी बोलो।
इतना फ़ास्ट लर्नर होता तो रोज़गार के लिए दर-दर भटकता ?
महाराष्ट्र में मराठी भाषा सबको बोलनी चाहिए।
इस भाषा के… pic.twitter.com/8zVFROuSJy
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) June 22, 2024
वहीं आगे संजय निरुपम ने लिखा कि निवेदन है कि राज्य के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस पूरे मामले का संज्ञान लें और कार्रवाई करें. किसी ने मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन दिया इसका अर्थ यह नहीं है कि उसे गरीब मज़दूरों को सरेआम पीटने का लाइसेंस मिल गया है. तातड़ी ने कार्रवाई झाली पाहिजे.
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जानें मामले में पुलिस ने क्या कहा:
मामला रबाले पुलिस पुलिस स्टेशन के अंतर्गत का है. वीडियो वायरल होने पर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजीव धूमल ने कहा, “सूचना मिलते ही हमने तुरंत मौके पर पहुंचने के बाद मामले में हस्तक्षेप किया. यह सब एक ग़लतफ़हमी की वजह से हुई. फिलहाल पार्टी कार्यकर्ताओं ने मामले में माफी मांग ली है. वहीं कैफे मालिक ने शिकायत दर्ज नहीं कराया. इसलिए मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया.