Mumbai: लापरवाही की हद! अस्पताल में मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में हुआ गर्भवती महिला का प्रसव, मां-बच्चे की मौत

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. एक सरकारी अस्पताल में बिजली गुल होने के बाद डॉक्टरों ने मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में एक गर्भवती महिला का सीजेरियन प्रसव कराया, जिसके बाद माँ और बच्चे दोनों की मौत हो गई. यह घटना मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा संचालित सुषमा स्वराज मेटरनिटी होम में घटी, जिसका बजट 52,000 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा है.

परिवार का आरोप: लापरवाही बनी मौत की वजह

मृतक महिला के पति ख़ुसरुद्दीन अंसारी, जो खुद दिव्यांग हैं, ने बताया कि उनकी 26 वर्षीय पत्नी शाहिदुन को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सोमवार को अस्पताल में बिजली गुल हो गई और जनरेटर तीन घंटे तक नहीं चलाया गया. डॉक्टरों ने मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में ही प्रसव कराया, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई और बाद में शाहिदुन की भी मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की भी कमी थी.

अन्य प्रसव भी अंधेरे में

परिवार ने बताया कि मां और बच्चे की मौत के बाद भी अस्पताल के उसी ऑपरेशन थिएटर में एक और प्रसव मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में ही कराया गया.

BMC ने शुरू की जाँच

परिवार के सदस्य कई दिनों से अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद BMC ने आखिरकार मामले की जाँच के आदेश दिए हैं.

सवालों के घेरे में स्वास्थ्य व्यवस्था

यह घटना मुंबई की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करती है. BMC का बजट भले ही हज़ारों करोड़ का हो, लेकिन सरकारी अस्पतालों की हालत बदहाल है. इस घटना के बाद लोगों में गुस्सा है और वे दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

मामले की गंभीरता को देखते हुए उम्मीद है कि BMC मामले की निष्पक्ष जाँच करेगी और दोषियों को सज़ा देगी. साथ ही, सरकारी अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएंगे.