मुंबई क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई, US नागरिकों को ‘Viagra’ बेचने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 8 गिरफ्तार
एक इंटरनेशनल ऑनलाइन फ्रॉड नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, मुंबई क्राइम ब्रांच (यूनिट 9) ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि वे एक गैर-कानूनी कॉल सेंटर चला रहे थे. ये लोग फार्मास्युटिकल कंपनियों की नकल करते थे और विदेशी नागरिकों – खासकर US नागरिकों – को नकली वियाग्रा और दूसरी कंट्रोल्ड दवाएं बेचकर ठगते थे.
एक इंटरनेशनल ऑनलाइन फ्रॉड नेटवर्क (International Online Fraud Network) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, मुंबई क्राइम ब्रांच (यूनिट 9) (Mumbai Crime Branch (Unit 9) ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि वे एक गैर-कानूनी कॉल सेंटर चला रहे थे. ये लोग फार्मास्युटिकल कंपनियों की नकल करते थे और विदेशी नागरिकों – खासकर US नागरिकों – को नकली वियाग्रा (Viagra) और दूसरी कंट्रोल्ड दवाएं बेचकर ठगते थे.
क्राइम ब्रांच यूनिट 9 ने अंबोली इलाके में चल रहे एक नकली कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. इस पर आरोप है कि यह US नागरिकों को गैर-कानूनी तरीके से सेक्स बढ़ाने वाली दवाएं बेच रहा था. आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो और संदिग्ध अभी फरार हैं. यह भी पढ़ें: Nanded Murder Case: 'कांटा निकालना है': महाराष्ट्र में Caste Murder के आरोपियों ने मां से कही थी यह बात, अब बड़ा खुलासा
पुलिस को मिली थी टिप
पुलिस को एक टिप मिली कि ‘टीम ग्रैंड 9 सिक्योरिटी सर्विसेज LLP’ नाम का एक कॉल सेंटर केवनीपाड़ा, S.V. रोड, अंबोली, जोगेश्वरी (वेस्ट) से चलाया जा रहा है. यहां कर्मचारी अमेरिकी बनकर टेलीमार्केटिंग के जरिए विदेशी नागरिकों को टारगेट कर रहे थे.
जानकारी के आधार पर, 4 दिसंबर 2025 को सुबह करीब 2:00 बजे रेड की गई, जिसमें पुलिस ने कॉल सेंटर के कथित पार्टनर महेर इकबाल पटेल (26) और मोहम्मद आमिर इकबाल शेख (40) को हिरासत में लिया.
काम करने का तरीका
पुलिस के मुताबिक, कॉल करने वालों ने माइक, एलेक्स, जेम्स, शॉन और स्टीवन जैसे नकली नामों का इस्तेमाल करके अमेरिकी नागरिकों को वियाग्रा, सियालिस और ट्रामाडोल जैसी दवाएं खरीदने के लिए मनाया और US डॉलर में पेमेंट लिया. रेड के दौरान पुलिस ने कई लैपटॉप, हेडसेट, पेन ड्राइव और हार्ड ड्राइव जब्त किए. दो और संदिग्ध अभी फरार हैं.
गैर-कानूनी विदेशी डेटा और डिजिटल जब्ती
पुलिस ने कहा कि कॉल सेंटर करीब छह से सात महीने से चल रहा था और अमेरिकी नागरिकों के गैर-कानूनी तरीके से मिले प्राइवेट डेटा का इस्तेमाल कर रहा था. जब्त किए गए डिजिटल इक्विपमेंट का एनालिसिस किया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि फाइनेंशियल फ्रॉड और डेटा चोरी कितनी बड़ी है.
धोखाधड़ी की साजिश और कर चोरी के आरोप
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने बिना किसी लाइसेंस या दवा कंपनियों के समझौते के खुद को वियाग्रा और अन्य विनियमित दवाओं के अधिकृत विक्रेता के रूप में झूठा रूप से प्रस्तुत करने के लिए एक साथ साजिश रची; विदेशी पीड़ितों तक पहुंचने के लिए एक विशेष कंप्यूटर प्रणाली बनाई; संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में नागरिकों से संपर्क करने के लिए वीओआइपी और अन्य ऑनलाइन कॉलिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया और कमाई का खुलासा नहीं किया और न ही जरूरी टैक्स दिया, जिससे भारत सरकार को फाइनेंशियल नुकसान हुआ.
कस्टडी और आगे की जांच
गिरफ्तार किए गए सभी आठ आरोपियों को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपियों को आगे की जांच के लिए 10 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. पुलिस ने कहा कि फरार संदिग्धों का पता लगाने और धोखाधड़ी के फाइनेंशियल ट्रेल की जांच के लिए तलाश जारी है.