मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) यानी सीबीआई (CBI) ने मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) के विकास में 800 करोड़ रुपए से अधिक की कथित अनियमितता के लिए जीवीके ग्रुप (GVK Group), मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Mumbai International Airport), एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों (Officials of Airport Authority of India), जीवीके ग्रुप के चेयरमैन (Chairman of GVK Group) और अन्य के खिलाफ एक एफआईआर (FIR) दर्ज की है. यह मामला मुंबई हवाई अड्डे के उन्नयीकरण, विकास और रखरखाव में आर्थिक अनियमितता से जुड़ा है.
एमआईएएल (MIAL), एएआई (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया), जीवीके और विदेशी संस्थाओं के बीच एक संयुक्त उद्यम है. साल 2006 में एएआई ने मुंबई हवाई अड्डे के संयुक्त उद्यम के हिस्से के रूप में आधुनिकीकरण, उन्नयन, संचालन और मुंबई एयरपोर्ट के रखरखाव के लिए एक समझौता किया.
समझौते के अनुसार, राजस्व हिस्सेदारी पहले एएआई को दी जानी थी और फिर एमआईएएल की शेष कमाई का उपयोग आधुनिकीकरण और अन्य रखरखाव के कार्यों के लिए किया जाना था. सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर में यह आरोप लगाया गया है कि जीवीके समूह ने अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और कर्मचारियों के साथ मिलकर उन्हें अनुचित तरीके से फायदा पहुंचाया और एएआई को नुकसान पहुंचाया.
देखें ट्वीट-
Central Bureau of Investigation (CBI) registers FIR against Dr. GVK Reddy, Chairman of GVK Group, Mumbai International Airport, officials of Airport Authority of India and others, for alleged irregularities worth more than Rs. 800 crores for development of Mumbai Airport. pic.twitter.com/RDM9xNiSQL
— ANI (@ANI) July 2, 2020
यह आरोप है कि एमआईएएल में जीवीके समूह के प्रमोटरों ने अपने अधिकारियों के साथ मिलकर और एएआई के अज्ञात अधिकारियों ने अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हुए धन की निकासी की. सीबीआई का आरोप है कि उन्होंने साल 2017-18 में नौ कंपनियों को फर्जी कार्य अनुबंधों को निष्पादित करने के लिए धन में अनियमितता बरती गई, जिसके कारण 310 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. इसके साथ ही जीवीके समूह के प्रवर्तकों ने अपने ग्रुप की कंपनियों को धन देने के लिए एमआईएएल के 395 करोड़ रुपए के आरक्षित कोष का दुरुपयोग किया. यह भी पढ़ें: मुंबई हवाईअड्डे ने लॉकडाउन के बाद सामान्य परिचालन के लिये सुरक्षा उपायों की घोषणा की
उन्होंने मुंबई एयरपोर्ट के प्रीमियम खुदरा क्षेत्रों को अपने परिवार के सदस्यों को बेहद कम दरों पर सौंपा, जिससे एमआईएएल का राजस्व कम हो गया. जीवीके समूह ने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, कर्मचारियों के लिए ट्रेन बुक करने, हवाई यात्रा टिकट और होटल बुकिंग के लिए एमआईएएल के फंड का उपयोग किया, जो एमआईएएल से जुड़े नहीं थे. एजेंसी ने कुल 13 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी के साथ-साथ अज्ञात लोक सेवकों का नाम दिया है.