Mucormycosis: कोरोना महामारी के बीच इस दुर्लभ बीमारी ने बढ़ाई चिंता, दिल्ली-मुंबई और अहमदाबाद में मिले कई मरीज

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जानलेवा फंगल मुकोर्माइकोसिस (Mucormycosis) यानी काली फफूंदी का कहर सामने आया है. देश के बड़े शहरों में इसके कई मामले मिलने से चिंता बढ़ गयी है. घातक फंगल सबसे जादा कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों को चपेट में ले रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- PTI)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जानलेवा फंगल मुकोर्माइकोसिस (Mucormycosis) यानी काली फफूंदी का कहर सामने आया है. देश के बड़े शहरों में इसके कई मामले मिलने से चिंता बढ़ गयी है. घातक फंगल सबसे जादा कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों को चपेट में ले रहा है. यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें मरीज की जान जाने का खतरा कोरोना वायरस से बहुत जादा होता है. Coronavirus: मामले कम होने का मतलब यह नहीं कि खत्म हो रहा है कोरोना

मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली (Delhi) और मुंबई (Mumbai) के बाद अब इस खतरनाक बीमारी के मरीज अहमदाबाद (Ahmedabad) में भी बढ़ रहे है. गुजरात के अहमदाबाद में अब तक 44 लोग मुकोर्माइकोसिस से संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हैं. घातक फंगल ने अब तक 9 लोगों की जान ले ली है.

इसी सप्ताह दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने दावा किया कि कोविड-19 से उबर रहे कई लोगों में ऐसा दुर्लभ और जानलेवा फंगल संक्रमण पाया जा रहा है, जिसके चलते उनमें से लगभग आधे लोगों की आंखों की रौशनी खत्म हो गई है. अस्पताल के आंख-नाक-गला (ईएनटी) चिकित्सकों के सामने बीते 15 दिन में ऐसे 13 मामले सामने आए हैं.

सर गंगाराम अस्पताल ने एक बयान में कहा ''बीते 15 दिन में ईएनटी चिकित्सकों के सामने कोविड-19 के चलते फंगल संक्रमण के 13 मामले सामने आए हैं, जिनमें 50 प्रतिशत मामलों में रोगियों की आंखों की रौशनी चली गई.'' मुकोर्माइकोसिस नाक की नसों से आंखों और मस्तिष्क तक पहुंचता है. जबकि इलाज में देरी होने पर मरीज की जान बचा पाना मुश्किल हो जाता है.

डॉक्टरों का मानना है कि यह चिंताजनक समस्या दुर्लभ है लेकिन नई नहीं है. हालांकि कोविड-19 से होने वाला फंगल संक्रमण इसमें नई बात है. वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. मनीष मुंजाल ने एएनआई को बताया, “यह एक वायरस है और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में प्रवेश करता है. यह शरीर के उस हिस्से को नष्ट कर देता है जहां से वह प्रवेश करता है. कोविड से ठीक होनेवाले रोगियों को स्टेरॉयड की एक बड़ी खुराक दी जाती है. इस वजह से मुकोर्माइकोसिस को शरीर में प्रवेश करने में मदद मिल जाती है."

Share Now

\