मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर में एक स्कूल में कोरोना वैक्सीनेशन गंभीर लापरववाही का मामला सामने आया है. यहां एक स्कूल में कोविड वैक्सीनेशन के दौरान एक सिरिंज से 30 बच्चों को वैक्सीन लगा दी गई. स्कूल में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का कैंप लगाया गया था. जब यह लापरवाही सामने आई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. शुरुआती जांच में स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को गोपालगंज पुलिस थाने में वैक्सीनेटर जितेंद्र अहिरवार के खिलाई एफआईआर दर्ज कराई. COVID-19: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 20,557 नये मामले सामने आये, 44 और लोगों की मौत.
सागर शहर के प्राइवेट स्कूल में स्कूली बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का कैंप लगाया गया था. इसमें स्वास्थ्य विभाग ने निजी कॉलेज नर्सिंग कॉलेज में अध्ययनरत नर्सिंग छात्रों की ड्यूटी लगाई गई. जितेंद्र राज (थर्ड ईयर का छात्र) ने बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया. एक के बाद एक उसने 30 बच्चों को एक ही सिरिंज से कोविड वैक्सीन लगा दी. जब एक छात्रा के पिता की नजर इस पर पड़ी, तब जाकर लापरवाही का पता चला.
नौवीं कक्षा की एक छात्रा के पिता नामदेव ने बच्चों का टीकाकरण करने वाले व्यक्ति से पूछताछ की और पूछा कि उसके द्वारा टीकाकरण करने के लिए कितनी सीरिंज का इस्तेमाल किया जा रहा है. व्यक्ति उस समय सदमे में गया जब टीका लगाने वाले ने उसे बताया कि कम से कम 30-40 बच्चों को सिर्फ एक सिरिंज से टीका लगाया गया है.
शुरुआती जांच में स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को गोपालगंज पुलिस थाने में वैक्सीनेटर जितेंद्र अहिरवार के खिलाई एफआईआर दर्ज कराई. एक सिरिंज से 30 बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने वाले जितेंद्र राज से जब मीडिया ने सवाल किया तो उसने कहा, 'मुझे कॉलेज के एचओडी लेकर गए थे. मुझे एक ही सिरिंज दी गई. मैंने उनसे पूछा भी था कि क्या एक ही सिरिंज से बच्चों को वैक्सीन लगानी है तो उन्होंने हां कहा. ऐसे में सभी बच्चों को एक ही सिरिंज से वैक्सीन मैंने लगाई. इसमें मेरी क्या गलती है?'