नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है और चार अन्य लोग संक्रमित हैं. इस बीच आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) ने निपाह वायरस के संक्रमण को लेकर चिंता जताई है. आईसीएमआर के डीजी राजीव बहल ने कहा है कि निपाह वायरस में मृत्यु दर 40-70 प्रतिशत के बीच है. यानी निपाह वायरस से संक्रमित 100 लोगों में से 40-70 लोगों की जान जाने का खतरा है. निपाह वायरस कोरोना से कई गुना अधिक खतरनाक है. राजीव बहल ने कहा कि कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर सिर्फ 2-3 प्रतिशत थी. Nipah Virus: केरल में निपाह का एक और केस, खतरे को देखते हुए इन राज्यों ने जारी की एडवाइजरी.
निपाह में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत अधिक है. ये 40 से 70 प्रतिशत के बीच है. ऐसे में निपाह वायरस के संक्रमण की गंभीरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. राजीव बहल ने कहा कि निपाह संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं.
कम संक्रामक लेकिन अधिक मृत्यु दर
केरल में निपाह वायरस से दो लोगों की जान जा चुकी है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने पुष्टि यह भी जानकारी दी गई कि यह वायरस का बांग्लादेशी स्ट्रेन है, जो इंसानों से इंसानों में फैलता है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि यह वेरिएंट कम संक्रामक है, लेकिन इसकी मृत्यु दर ज्यादा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस से प्रभावित लोगों में से एक की मौत इसी महीने हो गई, जबकि दूसरी मौत 30 अगस्त को हुई थी.
कैसे फैलता है निपाह वायरस
सुअर और चमगादड़ के शरीर से निकलने वाले तरल जैसे लार या खून के इंसान के संपर्क में आने से यह वायरस फैलता है, फिर एक इंसान से दूसरे इंसान में संक्रमण आ जाता है. इस वायरस का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है. इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इससे सुरक्षा और जानकारी ही बचाव है.
निपाह के 6 केस मिले
शुक्रवार को नए मामले के साथ ही कोझिकोड में निपाह संक्रमण के कुल मामलों की संख्या छह हो गई है. उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने उन सभी लोगों की जांच का फैसला किया जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और जिनके संक्रमित होने का जोखिम अधिक है.













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