जयपुर, 2 सितम्बर : ऐसे समय में जब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में राजस्थान को उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर रखा है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इस संख्या में वृद्धि के लिए राज्य में अनिवार्य प्राथमिकी प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आधे से अधिक मामले झूठे थे. गहलोत शुक्रवार को जयपुर में राजस्थान पुलिस अकादमी में दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा, "बलात्कार कौन करता है? ज्यादातर मामलों में, अपराध पीड़िता के रिश्तेदारों सहित परिचितों द्वारा किया जाता है. महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लगभग 56 प्रतिशत मामले झूठे हैं क्योंकि झूठे मामले दर्ज किए गए थे. हमने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है." यह भी पढ़ें : Assam: उल्फा भर्ती मामले में NIA ने असम में की छापेमारी, गोला बारूद के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद
गहलोत ने कहा, "डीजीपी मेरे बगल में खड़े हैं. मैं कहना चाहूंगा कि झूठे मामले दर्ज करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए ताकि दूसरे झूठे मामले दर्ज करके राज्य को बदनाम करने की हिम्मत न करें." गहलोत ने यह भी दावा किया कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में अपराध दर कम है.