भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों से मानसून ने विदाई ले ली है. इसके साथ ही मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों, जैसे कि दिल्ली सहित, से भी मानसून ने अपना रास्ता बना लिया है. IMD ने यह जानकारी बुधवार को दी. IMD के मुताबिक, अगले 2-3 दिनों में इस क्षेत्र के शेष हिस्सों से भी मानसून पूरी तरह से विदा हो सकता है. इसके साथ ही, एक चक्रवाती प्रणाली दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश और उसके आसपास के क्षेत्रों में बनी हुई है. इसका प्रभाव उत्तर बंगाल की खाड़ी पर पड़ेगा, जिससे 4 अक्टूबर के आस-पास एक निम्न-दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है.
दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत से मानसून की विदाई के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में बारिश की गतिविधियां कम हो रही हैं, लेकिन दक्षिण और पूर्वी भारत में अब भी हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी.
किन क्षेत्रों से मानसून ने विदाई ली है?
बुधवार को IMD द्वारा जारी बयान के अनुसार, "दक्षिण-पश्चिम मानसून ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और पश्चिम राजस्थान से पूरी तरह विदाई ले ली है. इसके अलावा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों से भी मानसून ने विदा हो गया है.”
मानसून विदाई की रेखा अब 30.8°N/81.2°E, लखीमपुर खीरी, शिवपुरी, कोटा, उदयपुर, डीसा, सुरेंद्रनगर, जूनागढ़ और 21°N/70°E से गुजर रही है. अगले 2-3 दिनों में पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों, पूर्वी राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से भी मानसून विदा होने की संभावना है.
हाल के दिनों में बारिश का हाल
IMD ने बताया कि बीते 24 घंटों के दौरान तेलंगाना, उत्तरी कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में महत्वपूर्ण बारिश दर्ज की गई. आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर क्षेत्र, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है.
दक्षिण भारत में बारिश की स्थिति
केरल, महे, दक्षिणी कर्नाटक और लक्षद्वीप के क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में व्यापक बारिश की उम्मीद है. वहीं तमिलनाडु, पुदुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भी बिखरी हुई हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
चक्रवाती हवाओं की चेतावनी
नॉर्थ-ईस्ट और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने की संभावना है, जिनकी गति 35 से 45 किमी प्रति घंटा रह सकती है, जो अगले तीन दिनों तक बनी रह सकती हैं.
अक्टूबर महीने में कैसा रहेगा मौसम
देश के कुछ राज्यों को छोड़ दें तो बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क बना हुआ है. अक्टूबर में देश के ज्यादातर भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है.आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना नजर आ रही है. वहीं, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों में भी सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है. अक्टूबर के दौरान देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है.
2024 के मानसून का प्रदर्शन
इस साल के मानसून के दौरान, IMD के अनुसार, अगस्त और सितंबर में निम्न-दाब के क्षेत्रों की संख्या अधिक थी, जिससे 2024 के मानसून सीजन में 8 फीसदी ज्यादा बारिश हुई. एक तरफ जहां उत्तर पश्चिमी भारत, मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक वर्षा हुई, वहीं पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई. मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूरे देश में 1 जून से 29 सितंबर के बीच औसत बारिश 932.2 मिमी रही. जबकि, दीर्घावधि औसत 865 मिमी है. इस प्रकार यह सामान्य से 7.8 प्रतिशत अधिक है. साल 2020 के बाद यह सबसे अच्छा मानसून रहा है. खासकर पिछले साल सामान्य से कम बारिश के कारण जलाशयों में पानी की कमी इस बार दूर हो गई है.