Monsoon: मानसून की तैयारी के लिए गुरुग्राम में आयोजित होगा मॉक ड्रिल
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे एलिवेटेड हाईवे निर्माण कार्य के कारण बारिश के मौसम में जलजमाव नहीं होना चाहिए.
गुरुग्राम: मानसून (Monsoon) को देखते हुए गुरुग्राम में तैयारी शुरू कर दी है. गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने मानसून के मौसम से पहले यहां शहर में जल निकासी व्यवस्था की जांच शुरू कर दी है. इसके लिए दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे (Delhi-Jaipur Expressway) पर हीरो होंडा चौक (Hero Honda Chowk), राजीव चौक (Rajiv Chowk) और इफको चौक (IFFCO Chowk) पर तीन बड़े अंडरपास समेत पूरे शहर में जलजमाव से बचने के लिए तैयारियों की जांच के लिए नौ जून को मॉक ड्रिल (Mock Drill) भी कराई जाएगी. पानी की निकासी के लिए नागरिक प्राधिकरण दमकल गाड़ियों का भी इस्तेमाल करेगा. Monsoon 2021 Forecast: मौसम विभाग ने बताया देश में कैसा रहेगा इस साल मानसून का हाल, किन-किन स्थानों पर होगी ज्यादा बरसात
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे एलिवेटेड हाईवे निर्माण कार्य के कारण बारिश के मौसम में जलजमाव नहीं होना चाहिए.
राजपाल ने सभी एजेंसियों को आपसी तालमेल से जलभराव की रोकथाम के उपायों पर मिलकर काम करने को भी कहा है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) और गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं.
एनएचएआई के परियोजना प्रभारी पुनीत खन्ना ने बताया कि खेड़की दौला टोल प्लाजा से दिल्ली सीमा तक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) के दोनों ओर बने नाले की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है जो मानसून सत्र से पहले पूरा हो जाएगा.
राजपाल ने यह भी सुझाव दिया कि पानी के पंप लगाने के बजाय बारिश के पानी को हरित पट्टी या अन्य खाली जगहों या तालाबों में मोड़ने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि बारिश का पानी नालियों में बहने के बजाय जमीन में चला जाए.
जीएमडीए के मुख्य अभियंता प्रदीप कुमार ने कहा कि सात-आठ ढलान वाले स्थानों और तालाबों की पहचान की गई है जिनका उपयोग बारिश के पानी को भरने के लिए किया जाएगा.