Monkeypox: दुनियाभर के देशों में मंकीपॉक्स का खतरा, जानें भारत में क्या है स्थिति
Monkeypox (Photo: Pixabay)

नई दिल्ली: मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस 20 से अधिक देशों में फैल गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि लगभग 200 पुष्ट मामले और 100 से अधिक संदिग्ध मामले उन देशों में हैं जहां यह आमतौर पर नहीं पाया जाता है. इस बीच WHO ने देशों से संक्रामक रोग की निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है क्योंकि इसका प्रकोप बढ़ रहा है. 7 मई को यूके से पहला मामला सामने आने के बाद से, हाल के हफ्तों में मंकीपॉक्स उत्तरी अमेरिका और यूरोप में फैल गया है. Food Poisoning- गर्मी की आम बीमारी, फूड प्वाइजनिंग से बचने के 7 अचूक घरेलू उपचार! 

क्या है मंकीपॉक्स वायरस

रिपोर्ट के मुताबिक मंकीपॉक्स चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक ओर्थोंपॉक्सवायरस है. लेकिन, मृत्यु दर के मामले में यह स्मॉलपॉक्स से कम प्रोब्लमेटिक है. मंकीपॉक्स (Monkeypox) पीड़ित व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड के संपर्क में आने से फैलता है. खासकर अगर व्यक्ति पीड़ित के अत्यधिक करीब आता है तब इसके फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है.

मंकीपॉक्स के लक्षण

  • शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने
  • मांसपेशियों में असहनीय दर्द
  • तेज सिरदर्द होना
  • ठंड लगने की शिकायत
  • निमोनिया हो जाना
  • शारीरिक थकान महसूस होना
  • तेज बुखार आना
  • शरीर में सूजन
  • ऊर्जा की कमी महसूस होना
  • शरीर के लाल चकत्ते का घाव बन जाना

भारत में क्या हैं हालात

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि देशों में फैल रहे इस संक्रमण को देखते हुए भारत इसका सामना करने के लिए तैयार है. आईसीएमआर ने कहा कि देश में इस बीमारी का अभी कोई केस नहीं मिला है. आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉक्टर अपर्णा मुखर्जी ने कहा कि इस संक्रमण का सामना करने के लिए भारत तैयार है. यह संक्रामक रोग यूरोप, अमेरिका एवं अन्य सहित नॉन एंडेमिक देशों में तेजी से फैल रहा है. जहां तक भारत की बात है तो अभी इस बीमारी का कोई केस देश में नहीं मिला है.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक समिरन पांडा ने कहा है कि भारत में फिलहा मंकीपॉक्स के किसी भी मामले के सबूत नहीं मिले हैं. लेकन हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. कोई भी व्यक्ति जो विदेश यात्रा से लौटा हो उसे बुखार या सिरदर्द की समस्या होती है तो उसे तुरंत आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए.

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि वे अस्पतालों को इस रोग के लक्षण वाले उन मरीजों पर नजर रखने का निर्देश दें जो हाल में मंकीपॉक्स से संक्रमित देशों की यात्रा कर चुके हैं. ऐसे मरीजों को पृथक स्वास्थ्य केंद्रों में रखने को कहा गया है.