जालंधर, 15 अक्टूबर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जालंधर शाखा ने सोमवार को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रंजीत सिंह के परिवार के सदस्यों हरभजन सिंह, सरवन सिंह और जसबीर कौर सहित अन्य की 1.93 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क कीं. ईडी ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है.
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से नशा मुक्ति अभियान के तहत देश में नशा तस्करों की भंडाफोड़ करने में मुहिम तेज कर दी है. सोमवार को ईडी दिल्ली जोनल कार्यालय ने 11 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. यह तलाशी अभियान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा 602 किलोग्राम से अधिक वजन वाले नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों जैसे 'कोकीन' और 'हाइड्रोपोनिक मारिजुआना' की खेप की जब्ती के मामले में चलाया गया. तलाशी अभियान के दौरान, विभिन्न दस्तावेज बरामद कर उन्हें जब्त कर लिया गया. यह भी पढ़ें : समाजवादी नेता के करीबी मुख्तार अब्बास नकवी को पहले चुनाव में मिली थी हार
आपको बता दें कि अगस्त में जालंधर की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने पंजाब के कुख्यात ड्रग डीलर रंजीत सिंह कंडोला और उसकी पत्नी राजवंत कौर को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोषी ठहराया था. अदालत ने कंडोला, जिसे राजा कंडोला के नाम से भी जाना जाता है, को नौ साल जेल की सजा सुनाई, जबकि कौर को तीन साल जेल में बिताने का आदेश दिया गया.
साल 2012 में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की खेप पकड़े जाने के बाद पंजाब पुलिस ने कंडोला और उसके सहयोगियों द्वारा कथित तौर पर चलाए जा रहे एक गिरोह से करीब 200 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ जब्त किए थे. जब्ती के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी, जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में इन लोगों को दोषी ठहराया गया.
कंडोला का आपराधिक कारोबार अपनी परिष्कृतता और अंतर्राष्ट्रीय पहुंच के लिए जाना जाता था. ईडी के अनुसार, कंडोला मेथमफेटामाइन और इफेड्रिन का उपयोग करके 'आइस' (एक पार्टी ड्रग) बनाने के लिए एक रैकेट चला रहा था, साथ ही पाकिस्तान सीमा पार से हेरोइन भी मंगा रहा था. गहन जांच से पता चला कि कंडोला पंजाब, दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में ड्रग वितरण में शामिल था.