Money Laundering Case: ED ने रांची में जमीन फर्जीवाड़े में सात को किया गिरफ्तार, IAS छवि रंजन से होगी पूछताछ

इस मामले में गुरुवार को ईडी की टीमों ने झारखंड के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर आईएएस छवि रंजन सहित 18 लोगों के झारखंड, बिहार, बंगाल स्थित 21 ठिकानों पर छापामारी की थी. ईडी ने छापामारी के दौरान छवि रंजन से पूछताछ भी की थी.

Money Laundering Case (Photo Credit: Twitter)

रांची, 14 अप्रैल: ईडी ने रांची में सेना और सरकार की जमीन में फर्जीवाड़े से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में एक सर्किल इंस्पेक्टर भानु प्रताप सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में गुरुवार को ईडी की टीमों ने झारखंड के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर आईएएस छवि रंजन सहित 18 लोगों के झारखंड, बिहार, बंगाल स्थित 21 ठिकानों पर छापामारी की थी. ईडी ने छापामारी के दौरान छवि रंजन से पूछताछ भी की थी. अब उन्हें आगे की पूछताछ के लिए समन किया जाएगा. यह भी पढ़ें: Life Mission Case: केरल हाई कोर्ट ने लाइफ मिशन मामले में पूर्व मुख्य सचिव एम. शिवशंकर की जमानत याचिका खारिज की

गिरफ्तार लोगों में कारोबारी बंगाल के आसनसोल निवासी कारोबारी प्रदीप बागची, सीआई भानु प्रताप, अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम शामिल हैं. इन लोगों के ठिकानों पर छापमारी के दौरान ईडी ने जमीन-जायदाद से सैकड़ों डीड, कागजात, हेराफेरी के लिए तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज, सील-मुहर, अंचल कार्यालय के सरकारी रजिस्टर आदि बरामद किए हैं. ये कागजात बड़े-बड़े बक्शों में रखे गए थे.

ईडी ने आईएएस छवि रंजन से उनका मोबाइल लेकर जांच की. इसमें पाया गया कि उन्होंने जमीन हेराफेरी से जुड़े मामले में ईडी की संभावित कार्रवाई और पूछे जाने वाले सवालों के जवाब तैयार कर रखे थे. बता दें कि छवि रंजन कुछ महीनों पहले तक रांची के उपायुक्त के तौर पर पदस्थापित थे. रांची के बरियातू इलाके में सेना की 4.5 एकड़ जमीन है. इसकी खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़े का मामला उनके कार्यकाल के दौरान ही सामने आया था. इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था.

इसी मामले में ईडी ने पिछले साल नवंबर में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, रांची में न्यूक्लियस मॉल के मालिक व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, खरीद-बिक्री में शामिल प्रदीप बागची और दिलीप घोष नामक व्यक्तियों और भूमि निबंधन करने वाले अफसरों से जुड़े दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी.

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