लखनऊ, 19 अप्रैल : उत्तर प्रदेश सरकार मिशन वात्सल्य (Government of Uttar Pradesh Mission Vatsalya) के तहत प्रदेश के बच्चों की देखरेख, संरक्षण और उनके पुनर्वासन पर तेजी से काम कर रही है. महिला कल्याण बाल विकास विभाग की ओर से आने वाले 100 दिनों की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. विभाग की ओर से मिशन वात्सल्य में बाल देखरेख संस्थाओं व किशोर न्याय बोडरे एवं बाल कल्याण समितियों हेतू एमआईएस पोर्टल की शुरूआत जून में की जाएगी. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एमआईएस पोर्टल योजना का पारदर्शी रूप में संचालन किया जाएगा. योजना से जुड़े सभी भौतिक और वित्तिय सूचनाएं ऑनलाइन प्राप्त होने से योजना संचालन का प्रभावी पर्यवेक्षण व समीक्षा संभव हो सकेगी.
संस्थाओं में निवासित बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा व कौशल विकास से जुड़े डेटा का डिजिटाइजेशन किया जाएगा. बालकों की देखरेख, संरक्षण व पुनर्वासन का प्रभावी पर्यवेक्षण होगा. इसके साथ ही बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के कार्यों की प्रभावी समीक्षा भी की जाएगी. विभाग की ओर से जनपद शांहजहांपुर में 07 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले नवीन भवन में 50 की क्षमता के राजकीय सम्प्रेक्षण गृह का लोकार्पण किया जाएगा. जिससे प्रदेश के राजकीय सम्प्रेक्षण गृहों में क्षमता से अधिक संवासियों के आवासित रहने की समस्या का समाधान इस संस्था के संचालन से होगा. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: योगी सरकार ने 220 नगरों को स्मार्ट बनाने का रखा लक्ष्य
यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत विभाग की ओर से कोविड योजना में कुल 11049 बच्चे लाभान्वित हुए. इस योजना के तहत सामान्य योजना से कुल 5284, कोविड योजना में 480 अनाथ बच्चे, एकल माता पिता वाले 10569 बच्चे, सामान्य योजना में कुल 295 अनाथ बच्चे, सामान्य योजना के तहत 4989 एकल माता पिता वाले बच्चे लाभान्वित हुए हैं.