नयी दिल्ली, 23 जून : स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने बुधवार को उन खबरों को खारिज करते हुए उन्हें निराधार बताया जिनमें आरोप लगाया गया था कि तकनीकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाने के कारण बेघर लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए पंजीकरण से ‘रोक’ दिया गया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कुछ मीडिया खबरों में आरोप लगाया गया है कि बेघर लोगों को तकनीकी मानकों को पूरा नहीं करने के कारण कोविड-19 टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने से ‘रोक’ दिया गया है.
इसमें कहा गया है कि खबरों के अनुसार "डिजिटल रूप से पंजीकरण करने की आवश्यकता", "अंग्रेजी की जानकारी और इंटरनेट की सुविधा के साथ स्मार्टफोन या कंप्यूटर तक पहुंच" कुछ ऐसे कारक हैं जो लोगों को टीकाकरण से वंचित करते हैं. मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा, "ये सभी दावे निराधार हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं." यह भी पढ़ें : NCB ने ड्रग्स मामले में दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को हिरासत में लिया
मंत्रालय ने कहा कि कोविड टीकाकरण के लिए मोबाइल फोन का होना कोई शर्त नहीं है, पते का प्रमाण भी अनिवार्य नहीं है और टीकाकरण का लाभ उठाने के लिए ‘को-विन’ पर ऑनलाइन पहले से पंजीकरण भी अनिवार्य नहीं है. मंत्रालय ने आगे कहा कि लोगों की आसानी लिए ‘को-विन’ मंच अब 12 ओं - हिंदी, मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती, ओडिया, बांग्ला, असमिया, गुरुमुखी (पंजाबी) और अंग्रेजी में उपलब्ध है.