महाराष्ट्र: फडणवीस सरकार का बड़ा फैसला, मराठा समाज को 16% आरक्षण देने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश

राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को विधानसभा परिषद में कहा था कि विधेयक को पारित कराने के लिए जरूरत पड़ने पर राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाई जा सकती है.

विधेयक को गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश किया गया ( Ians/ Wikimedia Commons )

महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी(BJP) की सरकार ने मराठाओं के लिए बड़ा फैसला लिया है. महाराष्ट्र विधानसभा में बहुप्रतीक्षित विधेयक गुरुवार को पेश पेश किया गया. जिसमें नौकरी और शिक्षा में 16 फीसदी (jobs and education) आरक्षण देने का प्रस्ताव पेश किया गया है. मराठा आरक्षण (reservation Maratha ) विधेयक गुरुवार दोपहर 1.30 बजे विधानसभा में पेश किया गया. कार्यक्रम के मुताबिक 19 नवंबर को मुंबई में शुरू हुआ शीतकालीन सत्र 30 नवंबर को समाप्त होगा. बता दें कि मराठा समुदाय लंबे समय से आरक्षण की मांग करता रहा है.

राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Bacchu Patil) ने बुधवार को विधानसभा परिषद में कहा था कि विधेयक को पारित कराने के लिए जरूरत पड़ने पर राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र(Winter Session)  की अवधि बढ़ाई जा सकती है. एक सरकारी सूत्र ने बताया कि उक्त विधेयक के साथ ही राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एसबीसीसी) की मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) से जुड़ी अनुशंसाओं पर उठाए गए कदमों के बारे में दो पन्नों की कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) को भी पटल पर रखा जाएगा.

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मराठा समाज ने किया था आंदोलन

पिछले काफी सालों से मराठा आरक्षण की मांग कर रहे थे. इस दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा शांति की अपील करने के बावजूद, मराठाओं द्वारा गुरुवार को आयोजित महाराष्ट्र बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सों में हिंसा भी थी.मराठा क्रांति मोर्चा और सकाला मराठा समाज ने मराठा सुमदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने की मांग को लेकर हिंसा मुक्त बंद सुनिश्चित करने के लिए अपने समर्थकों के लिए 'आचार संहिता' जारी की थी, लेकिन यह कागजों पर ही रह गई

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